हरिद्वार, 1 अप्रैल। श्री अखंड परशुराम अखाड़े के संयोजन में श्री बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि नवरात्रि के नौ दिनों तक मां भगवती का पूजन और अष्टमी-नवमी को हवन व कन्या पूजन करने से मां भगवती अत्यंत प्रसन्न होती हैं। उन्होंने बताया कि 2 से 10 वर्ष की कन्याओं का पूजन करने से अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं। दो वर्ष की कन्या ‘कुमारी’ कहलाती है, जो दुख-दरिद्रता दूर करती है, वहीं 10 वर्ष की ‘सुभद्रा’ सभी मनोरथ पूर्ण करती है। शास्त्री ने विधि-विधान से कन्या पूजन की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि धर्मशास्त्रों में स्त्री को देवी स्वरूप माना गया है। जहां स्त्री का सम्मान होता है, वहां देवी-देवता वास करते हैं। उन्होंने नवरात्रि में कन्याओं और महिलाओं का अनादर न करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। इस अवसर पर प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी व ज्ञानेश पांडे का स्वागत भी किया गया। कार्यक्रम में सतीश वन महाराज, विवेक मिश्रा, भारत शर्मा सहित अनेक भक्त मौजूद रहे।