लोकसभा में बुधवार को केंद्रीय बजट 2025 पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस देखने को मिली। भाजपा सांसद राव राजेंद्र सिंह ने बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने का फैसला अभूतपूर्व है। उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच वर्षों में निजी करदाताओं को 8.71 लाख करोड़ और कॉर्पोरेट करदाताओं को 4.53 लाख करोड़ रुपये का लाभ मिला है। सिंह ने जोर दिया कि विदेशी निवेश में भी तेजी आई है, जिसमें 62 फीसदी निवेश मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ।
चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नदारद रहने पर विपक्ष ने हंगामा किया। हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने स्थिति को संभालते हुए कहा कि भविष्य में वित्त मंत्री की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी। बाद में सीतारमण सदन में आ गईं।
विपक्ष ने बजट को गरीब और किसान विरोधी करार दिया। कांग्रेस सांसद धर्मवीर गांधी ने कहा कि बजट में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा गरीबों से छीनकर अमीरों को दे रही है।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यदि 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं, तो 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज क्यों दिया जा रहा है?
संसद में इस बहस ने बजट के विभिन्न पहलुओं पर राजनीतिक दलों की राय को साफ कर दिया है। देखना होगा कि यह बजट किसे कितना राहत