प्रयागराज। महाकुंभ का पवित्र स्नान जारी है, और त्रिवेणी संगम पर उमड़ी भीड़ का असर काशी और अयोध्या तक महसूस किया जा रहा है। मौनी अमावस्या (29 जनवरी) से पहले ही श्रद्धालुओं का रेला काशी विश्वनाथ और रामलला के दर्शन के लिए उमड़ पड़ा है।
अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव
हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि मंदिर की गलियां श्रद्धालुओं से भर गई हैं। मंगलवार को हनुमानगढ़ी में दर्शन के लिए दो किलोमीटर लंबी लाइन लगी। रामलला के दरबार में सोमवार और मंगलवार को छह लाख से अधिक भक्त पहुंचे, जिनमें से 3.55 लाख भक्तों ने सोमवार को दर्शन किए। सरयू स्नान के बाद नागेश्वरनाथ महादेव और हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु उमड़े।
काशी विश्वनाथ में पहली बार 22 घंटे खुले मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार को 11 लाख भक्त पहुंचे, जिसके चलते पहली बार सामान्य दिनों में मंदिर को रात 1 बजे तक खोला गया। महाशिवरात्रि और सावन के बाद यह पहला मौका था, जब मंदिर लगातार 22 घंटे खुला रहा। मंगलवार को भी देर रात तक दर्शन जारी रहे। दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया रूट को भी पहली बार बंद करना पड़ा।
रेलवे और प्रशासन पर भारी दबाव
प्रयागराज के आठ रेलवे स्टेशनों पर भी भारी भीड़ का दबाव है। वाराणसी और अयोध्या जाने वालों की संख्या को देखते हुए रेलवे तुरंत नई ट्रेनें चला रहा है। पहली बार स्टेशन पर यह घोषणा भी सुनाई दी कि “यह ट्रेन कहीं नहीं जा रही है, कृपया इसमें न बैठें।”
महाकुंभ से जुड़ी ट्रैवल टिप्स
1. अयोध्या जाने के लिए प्रयागराज से 180 किमी का सफर तय करना पड़ता है। भीड़ को देखते हुए यात्रा योजना सावधानीपूर्वक बनाएं।
2. काशी विश्वनाथ या रामलला दर्शन के लिए जल्दबाजी न करें। भीड़ थोड़ी कम होने का इंतजार करें।
3. रेलवे और स्टेशन पर भीड़भाड़ को देखते हुए अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
महाकुंभ की आस्था और भीड़ दोनों चरम पर हैं। ऐसे में प्रशासन और श्रद्धालु, दोनों के लिए संयम और समर्पण का समय है।