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गोमंतक में गूंजेगा सनातन राष्ट्र का शंखनाद: वैश्विक संकट में भारत की सनातन मूल्य परंपरा बनेगी दिशादर्शक

गोवा, 10 मई 2025: वैश्विक अस्थिरता, युद्धों और प्राकृतिक आपदाओं के बीच भारत की सनातन मूल्य परंपरा विश्व को शांति और संतुलन का मार्ग दिखाने को तैयार है। सनातन संस्था द्वारा 17 से 19 मई 2025 तक गोवा के फोंडा में आयोजित ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ धर्म आधारित राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।

 

सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन में यह महोत्सव शिक्षा, अर्थव्यवस्था, राजनीति, विज्ञान और न्याय प्रणाली जैसे क्षेत्रों में सनातन मूल्यों के अनुरूप दृष्टिकोण प्रस्तुत करेगा। संस्था का मानना है कि यूक्रेन-रूस, इजरायल-गाजा जैसे संघर्षों और तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाओं के बीच सनातन धर्म ही मानवता की रक्षा कर सकता है।

 

डॉ. आठवलेजी के वचन, “धर्म राष्ट्र का जीवन है,” के साथ हजारों साधक धर्माचरण और सनातन राष्ट्र के संकल्प के लिए कार्यरत हैं। महोत्सव में संत-महंतों और नेताओं की उपस्थिति में सनातन राष्ट्र का शंखनाद होगा, जो नए युग और आध्यात्मिक क्रांति का प्रतीक बनेगा।

 

संस्था के अनुसार, भारत जब धर्मनिरपेक्षता की बेड़ियों को तोड़कर सनातन हिंदू राष्ट्र के रूप में उभरेगा, तभी वह विश्वगुरु के रूप में स्थापित होगा। यह महोत्सव विश्व को “सर्वे भवन्तु सुखिनः” के वैदिक आदर्श के साथ शांति और सत्वगुण का संदेश देगा।

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