हरिद्वार: तीर्थनगरी हरिद्वार, जो अपनी आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वविख्यात है, इन दिनों अनधिकृत बैनर और पोस्टरों के कारण बदसूरती का शिकार हो रही है। शहर में अतिक्रमण का आलम यह है कि अब ट्रैफिक लाइट पोल भी इससे अछूते नहीं रहे। कोटा क्लासेज जैसे कोचिंग संस्थानों ने ट्रैफिक लाइट पीलर पर अपने विज्ञापन बोर्ड टांग दिए हैं, जिससे न केवल यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि शहर की सुंदरता भी खराब हो रही है।
**क्या है मामला?**
कोटा क्लासेज ने ट्रैफिक लाइट पोल पर अपने बैनर और बोर्ड लगा दिए हैं। सवाल उठता है कि क्या इन बैनरों को लगाने की प्रशासन से कोई अनुमति ली गई है? यदि अनुमति दी गई, तो यह कैसे संभव है कि सार्वजनिक संपत्ति का इस तरह दुरुपयोग हो? और यदि अनुमति नहीं ली गई, तो प्रशासन इस मामले में अब तक चुप क्यों है?
**प्रशासन का रवैया**
जब इस मुद्दे पर स्थानीय अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। हालांकि, शहर के विभिन्न हिस्सों में अवैध बैनर और पोस्टरों की भरमार देखकर यह सवाल उठता है कि क्या यह कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित रहेगी? हालांकि सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर ने सड़क किनारे बिजली के खंभों और डिवाइडर पर अवैध बैनर हटाने के निर्देश दिए थे, और ऐसा न करने पर वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी थी। हरिद्वार में भी ऐसी सख्ती की जरूरत महसूस की जा रही है।
**शहर की सुंदरता पर खतरा**
हरिद्वार में चारधाम यात्रा और गंगा स्नान जैसे आयोजनों के लिए लाखों पर्यटक आते हैं। ऐसे में शहर में जगह-जगह लगे ये बैनर-पोस्टर न केवल दृश्य प्रदूषण का कारण बन रहे हैं, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। ट्रैफिक लाइट पोल पर लगे बोर्ड ड्राइवरों का ध्यान भटका सकते हैं, जिससे दुर्घटना का जोखिम बढ़ता है। हाल ही में हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने सड़क सुरक्षा बैठक में यातायात को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए समन्वित प्रयासों पर जोर दिया था। फिर भी, इस तरह के अतिक्रमण पर नियंत्रण न होना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।
*नागरिकों की राय**
स्थानीय निवासियों का कहना हैं, “हरिद्वार हमारी धरोहर है। इन बैनरों से शहर का सौंदर्य खराब हो रहा है। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और भविष्य में ऐसा करने वालों पर सख्ती बरतनी चाहिए। “इन कोचिंग संस्थानों को सिर्फ अपने प्रचार से मतलब है। क्या वे शहर की सुंदरता और सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं समझते?”
**क्या हो समाधान?**
– **सख्त नियम और जुर्माना**: अवैध बैनर-पोस्टर लगाने वालों पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाए।
– **निगरानी और जागरूकता**: नगर निगम और पुलिस को नियमित निगरानी करनी चाहिए। साथ ही, नागरिकों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएं।
– **सार्वजनिक संपत्ति का संरक्षण**: ट्रैफिक लाइट पोल और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों पर विज्ञापन लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
– **नागरिक सहयोग**: हरिद्वार के निवासियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में प्रशासन के साथ सहयोग करना जरूरी है।
**आगे की राह**
हरिद्वार को विश्वस्तरीय तीर्थस्थल के रूप में बनाए रखने के लिए प्रशासन और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। अवैध बैनर-पोस्टरों पर तत्काल कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस नीति बनाना समय की मांग है। क्या प्रशासन इस बार सिर्फ आश्वासन देगा, या वाकई में हरिद्वार की खोई सुंदरता को वापस लाने के लिए कदम उठाएगा? यह सवाल हर हरिद्वारी के मन में है।