तिरुवनंतपुरम: केरल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में अंदरूनी कलह गहराने लगी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर के हालिया बयानों ने कांग्रेस नेतृत्व को असहज कर दिया है। खासतौर पर थरूर के एलडीएफ सरकार की आर्थिक नीतियों की तारीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे को सकारात्मक बताने से विवाद गहरा गया है।
क्या है विवाद की वजह?
1. एलडीएफ सरकार की नीतियों की तारीफ:
शशि थरूर ने हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार की औद्योगिक नीतियों और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सराहा। कांग्रेस नेताओं ने इसे पार्टी लाइन के खिलाफ बताते हुए उनकी आलोचना की। थरूर ने सफाई दी कि वे सिर्फ उन पहलों की बात कर रहे थे, जो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई थीं।
2. पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर बयान:
थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा को सकारात्मक बताया, जिससे कांग्रेस के भीतर असहमति बढ़ गई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देते हुए अच्छी पहल की सराहना की जानी चाहिए, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इसे पार्टी के रुख से भटकाव माना।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
केरल कांग्रेस ने अपने मुखपत्र वीक्षणम डेली के जरिए थरूर की आलोचना की। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने उनके बयानों को व्यक्तिगत राय करार दिया।
भाजपा का तंज
भाजपा ने कांग्रेस में उठे मतभेदों पर तंज कसते हुए कहा कि थरूर के विचार कांग्रेस में घुटन भरे माहौल को दर्शाते हैं।
क्या थरूर बागी रुख अपनाएंगे?
कांग्रेस में बढ़ते विवाद के बीच सवाल उठने लगे हैं कि क्या शशि थरूर पार्टी से अलग राह पकड़ सकते हैं, या फिर यह सिर्फ वैचारिक मतभेद तक सीमित रहेगा।