वॉशिंगटन, 30 जनवरी – पूर्व अमेरिकी कांग्रेस सदस्य तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक सीनेटरों पर हिंदुओं और हिंदू धर्म के खिलाफ धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने बृहस्पतिवार को सीनेट चयन समिति के समक्ष बयान देते हुए कहा कि कुछ डेमोक्रेट अब भी अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 6 को नहीं समझते, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी सरकारी पद के लिए धार्मिक परीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी।
गबार्ड ने कहा, “डेमोक्रेट एक बार फिर धार्मिक कट्टरता का कार्ड खेल रहे हैं, लेकिन इस बार यह हिंदू धर्म के खिलाफ है।” उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहता है, तो वह उनके सोशल मीडिया अकाउंट “एक्स” पर जा सकता है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक नियुक्त किया
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के पद पर नियुक्त किया है, जो CIA और FBI सहित सभी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की निगरानी करता है। ट्रंप द्वारा इस पद के लिए नामित किए जाने के बाद, कई विरोधियों ने गबार्ड के हिंदू धर्म को निशाना बनाते हुए सवाल उठाए।
पहली हिंदू अमेरिकी प्रतिनिधि और पूर्व डेमोक्रेट
43 वर्षीय तुलसी गबार्ड अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी जाने वाली पहली हिंदू अमेरिकी हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी कुछ डेमोक्रेट सीनेटरों ने राष्ट्रपति ट्रंप के न्यायिक नामांकितों, जैसे एमी कोनी बैरेट और ब्रायन बुशर, के खिलाफ ईसाई विरोधी कट्टरता दिखाई थी, जिसका उन्होंने उस समय भी विरोध किया था।
डेमोक्रेट से रिपब्लिकन बनीं गबार्ड
भारतवंशी गबार्ड चार बार कांग्रेस सदस्य रह चुकी हैं और मध्य पूर्व व अफ्रीका के युद्ध क्षेत्रों में सेवाएं दे चुकी हैं। उन्होंने अक्टूबर 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी और अगस्त 2024 में डोनाल्ड ट्रंप को समर्थन देने का औपचारिक ऐलान किया है