प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 के दौरान 25 जनवरी को ‘अमर उजाला ज्योतिष महाकुंभ महोत्सव’ का आयोजन किया गया। अमर उजाला और इसके उपक्रम जीवांजलि और माय ज्योतिष द्वारा आयोजित इस महोत्सव में ज्योतिष विज्ञान के अनेक विशेषज्ञ और विद्वान एकत्रित हुए।
लाल किताब और ज्योतिष विज्ञान पर चर्चा
कार्यक्रम के दौरान लाल किताब विशेषज्ञ आचार्य जीडी वशिष्ठ ने लाल किताब के रहस्यमय संसार पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह भारतीय ज्योतिष की एक प्रमुख शाखा है, जिसमें कुंडली दोष और जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए सरल और प्रभावी उपाय बताए गए हैं। उन्होंने इसे गणित और विज्ञान का अनोखा संगम बताया।
ग्रहों और संस्कारों का महत्व
आचार्य वशिष्ठ ने कहा, “ज्योतिष सिर्फ ग्रहों की स्थिति को समझने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक गहन विज्ञान है। संस्कार, जो ऋषि-मुनियों की देन हैं, हमारे आचार-विचार और जीवनशैली को संतुलित रखने में मदद करते हैं। यह हमारे जीवन को दिशा देने का मार्गदर्शन करते हैं।”
त्रिवेणी का महत्व और ग्रहों का प्रभाव
आचार्य वशिष्ठ ने महाकुंभ के पवित्र जल को अमृततुल्य बताते हुए कहा कि ग्रहों की वर्तमान स्थिति के अनुसार इस जल का आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि कुंडली में ग्रहों की स्थिति व्यक्ति की सोच और जीवनशैली को प्रभावित करती है।
आध्यात्मिकता और सकारात्मकता का संदेश
कार्यक्रम में यह भी चर्चा हुई कि महाकुंभ में डुबकी लगाने से पापों का नाश और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। इस दौरान कई ज्योतिषाचार्यों ने अपने विचार रखे और दर्शकों को ज्योतिष के गूढ़ विज्ञान को समझाने का प्रयास किया।
श्रद्धालुओं का उत्साह
महाकुंभ के इस आयोजन में देश-विदेश से आए श्रद्धालु, साधु-संत और पर्यटक भी बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। ज्योतिष महाकुंभ महोत्सव ने न केवल इस आयोजन को विशेष बना दिया बल्कि ज्योतिष विज्ञान के प्रति लोगों की जिज्ञासा भी बढ़ाई।
महाकुंभ 2025 का आयोजनमहाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी से हो चुका है, जो 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस दौरान लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर आध्यात्मिकता और शांति का अनुभव कर रहे है