उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने तीन माह से अवरुद्ध वेतन भुगतान को लेकर मंगलवार को ऋषिकुल और गुरुकुल परिसरों के निदेशकों को चेतावनी पत्र सौंपा। उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के निर्देशानुसार कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि यदि शीघ्र वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो सभी परिसर में कामकाज ठप कर धरना देने को बाध्य होंगे।
महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष खीमानंद भट्ट ने बताया कि महासंघ की कार्यकारिणी की बैठक 20 जनवरी को हुई, जिसमें कर्मचारियों के लंबित वेतन भुगतान और इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो सभी कर्मचारी संगठन एकजुट होकर आंदोलन करेंगे।
ऋषिकुल और गुरुकुल परिसर निदेशकों को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से सचिव आयुष, कुलपति, कुलसचिव, और वित्त नियंत्रक सहित अन्य अधिकारियों तक अपनी मांग पहुंचाई गई। ज्ञापन में अविलंब वेतन भुगतान और समस्या के समाधान की मांग की गई।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से
सचिव अजय कुमार, महासंघ संगठन मंत्री सुनीता चंद्र तिवारी, उप सचिव मोहित मनोचा, संगठन मंत्री नितिन कुमार, विनोद कुमार, दीपक आधान, चंदन सिंह, आनंदी शर्मा, ममता और नीमा शामिल रहे।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि प्रशासन की उदासीनता जारी रही तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। कर्मचारियों के इस कदम से विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव ब
ढ़ गया है।