उत्तराखंडहरिद्वार

ल निगम जल संस्थान, संयुक्त मोर्चे का धरना

आज दिनांक 29.01.2024 को जल निगम जल संस्थान, संयुक्त मोर्चे का धरना कार्यालय महाप्रबन्धक, निर्माण मण्डल (गंगा), उत्तराखण्ड पेयजल निगम, जगजीतपुर, हरिद्वार में किया गया। धरना प्रदर्शन कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री अनुराग शर्मा, जनपद सचिव उत्तराखण्ड पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ, हरिद्वार द्वारा तथा संचालन श्री गोविन्द प्रसाद गैरोला द्वारा किया गया।

जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चे की दो-सूत्रीय मांग पर चर्चा की गई:-

 

1. उत्तराखण्ड पेयजल निगम एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान का एकीकरण करते हुए राजकीयकरण किया जाना, 2. UUSDA द्वारा ADB के माध्यम से कराये जा रह कार्यों को जल निगम एवं जल संस्थान को वापिस किया जाना तथा ADB द्वारा कराये जा रहे कार्यों की जांच SIT के माध्यम से कराया जाना।

 

धरना कार्यक्रम में परियोजना अभियन्ता (यांत्रिक), इं० आशीष चौहान, उपस्थित रहे तथा उनके द्वारा उत्तराखण्ड पेयजल निगम / उत्तराखण्ड जल संस्थान का एकीकरण करते हुऐ राजकीयकरण करने की मांग का समर्थन किया गया तथा अवगत कराया गया कि शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित संस्था UUSDA के द्वारा मूल अभियांत्रिकी विभागों के कार्यक्षेत्रों में अतिक्रमण किये जा रहे है।

 

श्री कुमार गौरव, जनपद संयोजक द्वारा अपने उद्धघोषण में उत्तरप्रदेश जलापूर्ति एवं सम्भरण अधिनियम 1975 का स्पष्ट उल्लघन हेतु सरकार की घोर निंदा की गई एवं अवगत कराया गया है कि शहरी विकास विभाग द्वारा निर्माण / संचालन विशेषज्ञ विभाग उत्तराखण्ड पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जल संस्थान को खत्म करने की साजिश लगातार की जा रही है।

 

आज के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में चौधरी नरेश पाल, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मजदूर यूनियन द्वारा कहा गया कि एक ओर एकीकरण / राजकीयकरण शासन स्तर से विलम्ब होने से उत्तराखण्ड पेयजल विभाग के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों में निराशा है वहीं, जिससे सभी कार्मिका अत्याधिक आक्रोश में है। श्री अशोक हरदयाल, श्री रघुवीर सिह रावत एवं श्री अमित कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि

 

दिनांक 25.01.2024 को आहुत की गयी रैली को दृष्टिगत रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सचिव/अपर सचिव को सकारात्मक वार्ता हेतु केन्द्रीय नेतृत्व को सम्पर्क करने हेतु कहा गया।

 

अन्त में सभा के अध्यक्ष, श्री अनुराग शर्मा द्वारा रोष व्यक्त किया गया कि जल निगम / जल सस्थान के एकीकरण करते हुऐ राजकीयकरण की मांग वर्ष 2011 से लगातार विभिन्न चरणों में अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा की जा रही है। परन्तु सरकार की निष्क्रयता के कारण एकीकरण / राजकीयकरण की मांग सरकारी फाईलों में दम तोड़ रही है, जिससे कर्मचारियों में काफी रोष है। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया

 

है कि जब तक संयुक्त मोर्चे की दो-सूत्रीय मांग का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक मोर्चे का धरना प्रदर्शन यथावत जारी रहेगा तथा यह भी कहा गया कि सरकार को येन प्रकारेण कर्मचारियों की दो सूत्रीय मांगो को मानने हेतु बाध्य होना पड़ेगा। बैठक में जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चा के निम्न अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया :- ३० आनन्द सिंह बिष्ट, शलभ मित्तल, जनपद अध्यक्ष, सुधीर कुमार, धन सिंह नेगी, मदन सिंह, शीतल सिंह राठौर,

 

अमित, बैजन्ती, आराधना वशिष्ठ, सुरेश पाल, सुरेन्द्र रावत, रघुवीर रावत, शिव शर्मा, शिवांक, अनुज नौटियाल, ध्रुव श्रीवास, आदित्य कुमार, जय रावत, सुरेन्द्र, कमल, सतीश, मयंक, विनोद, संजय, भूपेन्द्र, राम सिंह, जगत सिंह, प्रवीण, गगन, पवन, सिद्धार्थ, मेघराज, मुकेश, नाथी सिंह बिष्ट, संजीव शर्मा, नरेन्द्र राजपूत, रमेश चन्द्र, संजीव कुमार, नवीन कुमार, सुरेन्द्र जीत शर्मा, प्रदीप सिंह इत्यादि।

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