हरिद्वार, 16 जून: कनखल स्थित श्री रामेश्वर आश्रम में श्रीमती कमलेश की स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
स्वामी जी ने गोवर्धन पर्वत को कनिष्ठा उंगली पर उठाकर इंद्र का अभिमान तोड़ने, पूतना वध, माखन चोरी, यशोदा माता के साथ कृष्ण की शरारतें और कालिया नाग मर्दन की कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण ने कालिया नाग को हराकर यमुना के जल को शुद्ध किया और मथुरा जाकर कंस का वध किया।
कथा के दौरान स्वामी जी ने कर्म के महत्व पर बल देते हुए कहा कि फल की इच्छा त्यागकर भगवान का नाम लेना चाहिए। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भावी पीढ़ी के लिए प्रकृति संरक्षण जरूरी है। पूतना वध प्रसंग में उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण ने राक्षसी पूतना का वध कर उसका कल्याण किया। साथ ही यशोदा माता द्वारा श्रीकृष्ण के मुख में संपूर्ण ब्रह्मांड दर्शन की कथा सुनाई।
स्वामी जी ने गीता, भागवत और रामायण के अध्ययन को संस्कारवान पीढ़ी के निर्माण के लिए आवश्यक बताया। कथा के दौरान भक्तिमय वातावरण में श्रद्धालुओं ने कृष्ण लीलाओं का आनंद लिया। इससे पूर्व पूजन-अर्चन और सुद्राभिषेक का आयोजन किया गया।