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शिवशक्ति धाम डासना में अक्षय तृतीया पर शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा, हजारों भक्तों ने मां बगलामुखी से की सनातन धर्म की रक्षा की प्रार्थना**

*गाजियाबाद, 30 अप्रैल 2025*: अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर गाजियाबाद के शिवशक्ति धाम डासना में एक ऐतिहासिक घटना घटी। भगवान परशुराम द्वारा स्थापित इस पवित्र धाम में अद्भुत और दिव्य शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा, स्थापना और लोकार्पण समारोह विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर मां बगलामुखी और श्रीचंडी महायज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों भक्तों ने इस्लामिक जिहाद के सर्वनाश और सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रार्थना की।

 

शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि यह शिव परिवार पांच धातुओं से निर्मित है, जो सृष्टि के अंत तक अक्षय रहेगा और सनातन धर्म की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा, “शिव परिवार संपूर्ण ब्रह्मांड और सनातन धर्म का साक्षात स्वरूप है। इसकी पूजा समस्त पूजाओं का सार है।” इस शिव परिवार को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी जी के नाम पर *हरीगिरिश्वर महादेव* के रूप में जाना जाएगा।

 

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान आचार्य दीपक तेजस्वी और आशीष त्यागी अपने परिवार सहित रहे। शिवालय निर्माण में डॉ. उदिता त्यागी, राजेश पहलवान और अनिल यादव की विशेष भूमिका रही। साथ ही, लोहा मंडी से पंकज मित्तल और रवि मित्तल ने अपने पिता स्वर्गीय प्रमोद मित्तल की स्मृति में रसोईघर का निर्माण कराया।

 

समारोह में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी, श्रीमहंत गिरिशानंद गिरी, महंत कन्हैया गिरी, स्वामी विजय गिरी, स्वामी आनंद गिरी, यति मां चेतनानंद गिरी, सुरेश प्रभु, साध्वी आस्था सहित अनेक संत उपस्थित रहे। दिनेश अग्रवाल, राकेश गोयल, पंडित मुकेश शर्मा, विनोद सर्वोदय, पंडित गंगाशरण शर्मा, महेश आहूजा, संजीव गुप्ता, पंडित बी.के. शर्मा हनुमान, नीरज त्यागी, अक्षय त्यागी, मुकेश त्यागी, संजय त्यागी, स्वयं प्रकाश अग्निहोत्री सहित भारी संख्या में भक्तों ने भाग लिया।

 

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने सभी दानदाताओं और सहयोगकर्ताओं को आशीर्वाद देते हुए भविष्य में और अधिक सहयोग की अपील की। यह आयोजन सनातन धर्म के प्रति अटूट आस्था और भक्ति का प्रतीक बनकर उभरा।

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