उत्तराखंड सरकार द्वारा टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को हरिद्वार का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति उनके कुशल प्रशासनिक कौशल, पारदर्शी कार्यशैली और विकासोन्मुख दृष्टिकोण का प्रमाण है। मयूर दीक्षित एक ऐसे अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, ईमानदारी और जनसेवा के प्रति समर्पण से न केवल प्रशासनिक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि जनता के बीच भी सम्मान अर्जित किया है। आइए, उनके जीवन और करियर पर एक नजर डालते हैं।
### प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
मयूर दीक्षित का जन्म और प्रारंभिक जीवन एक सामान्य परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां और कठिन परिश्रम का परिणाम रहा कि उन्होंने वर्ष 2012 में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) में 11वां स्थान प्राप्त किया। यह उपलब्धि उनके दृढ़ संकल्प और बौद्धिक क्षमता का परिचायक है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पृष्ठभूमि ने उन्हें तकनीकी और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण प्रदान किया, जो उनके प्रशासनिक कार्यों में भी झलकता है।
### प्रशासनिक करियर की शुरुआत
मयूर दीक्षित 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उन्होंने उधमसिंह नगर और अल्मोड़ा में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के रूप में कार्य किया, जहां उनकी विकासोन्मुख सोच और कार्यकुशलता ने क्षेत्रीय विकास को नई दिशा दी। विशेष रूप से उधमसिंह नगर में उनके कार्यकाल के दौरान मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत कई पुरस्कार प्राप्त हुए, जो उनके नेतृत्व और नवाचार की क्षमता को दर्शाता है।
इसके बाद, मयूर दीक्षित ने उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जैसे पहाड़ी जिलों में जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया। इन क्षेत्रों में चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने अपनी पारदर्शी और जन-केंद्रित कार्यशैली से विकास कार्यों को गति प्रदान की। रुद्रप्रयाग में उनके कार्यकाल को विशेष रूप से सराहा गया, जहां उन्होंने जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में नवाचार के लिए **मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार** प्राप्त किया।
### टिहरी गढ़वाल में जिलाधिकारी के रूप में योगदान
मयूर दीक्षित ने 2 जुलाई 2023 को टिहरी गढ़वाल के 56वें जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला। टिहरी में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जो उनकी सक्रियता और जनसरोकारों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाते हैं। कुछ प्रमुख योगदान इस प्रकार हैं:
1. **कांवड़ यात्रा की व्यवस्था**: टिहरी में कांवड़ यात्रा की तैयारियों के लिए उन्होंने समीक्षा बैठकें आयोजित कीं और जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट्स को छोटी-छोटी समस्याओं को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए। स्वच्छता, पेयजल, और ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया।
2. **विकास कार्यों का निरीक्षण**: उन्होंने जौनपुर ब्लॉक में विकास योजनाओं और स्कूलों का दौरा कर चेकडैम निर्माण, बागवानी, और कृषि संबंधी कार्यों को प्रोत्साहित किया।
3. **प्रशासनिक सुधार**: कलेक्ट्रेट कार्यालय में औचक निरीक्षण कर लंबित प्रकरणों को निपटाने और कार्यालय व्यवस्था को डिजिटल बनाने (ई-ऑफिस) के निर्देश दिए।
4. **शिक्षा और सामुदायिक जुड़ाव**: मयूर दीक्षित ने पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय सौड़खांड में शिक्षक की भूमिका निभाई और बच्चों को गणित, भौतिक विज्ञान, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों पर प्रेरित किया।
5. **जनता मिलन कार्यक्रम**: जनता की समस्याओं को सुनने और त्वरित समाधान के लिए जनता मिलन कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें अतिक्रमण, पेयजल, और सड़क समस्याओं का समाधान किया गया।
उनके कार्यकाल में टिहरी में विकास कार्यों, स्वच्छता, और आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया। उनकी यह कार्यशैली न केवल अधिकारियों के बीच, बल्कि आम जनता में भी चर्चा का विषय रही।
### हरिद्वार के जिलाधिकारी के रूप में नई जिम्मेदारी
हरिद्वार, उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जहां कांवड़ यात्रा, कुंभ मेला, और अन्य धार्मिक आयोजनों के कारण प्रशासनिक चुनौतियां हमेशा बनी रहती हैं। मयूर दीक्षित की नियुक्ति इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है कि उनकी अनुभवी और संवेदनशील कार्यशैली हरिद्वार की जटिल प्रशासनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी। टिहरी में कांवड़ यात्रा के प्रबंधन का उनका अनुभव हरिद्वार में इस आयोजन को और बेहतर बनाने में सहायक होगा।
### व्यक्तित्व और कार्यशैली
मयूर दीक्षित अपनी विनम्रता, सूझबूझ, और कठोर परिश्रम के लिए जाने जाते हैं। उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, जवाबदेही, और नवाचार का समावेश है। वह न केवल प्रशासनिक कार्यों में दक्ष हैं, बल्कि जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित करने में भी विश्वास रखते हैं। टिहरी में उनके द्वारा आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम और स्कूलों में बच्चों के साथ संवाद इसका उदाहरण है।
उनके नेतृत्व में टिहरी में कई विकास कार्यों को गति मिली, और उनकी यह क्षमता हरिद्वार में भी सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद जगाती है। रुद्रप्रयाग से उनके तबादले के समय स्थानीय लोगों में मायूसी थी, जो उनकी लोकप्रियता और कार्यकुशलता का प्रमाण है।
### पुरस्कार और सम्मान
मयूर दीक्षित को जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में उनके नवाचार के लिए **मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार** से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उनकी विकासोन्मुख सोच और प्रशासनिक दक्षता का प्रतीक है।
### निष्कर्ष
आईएएस मयूर दीक्षित एक ऐसे अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, ईमानदारी, और जन-केंद्रित दृष्टिकोण से उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में अपनी छाप छोड़ी है। टिहरी गढ़वाल में उनके कार्यकाल ने विकास, शिक्षा, और प्रशासनिक सुधारों को नई दिशा दी। अब हरिद्वार के जिलाधिकारी के रूप में उनकी नई जिम्मेदारी न केवल उनके लिए एक चुनौती है, बल्कि हरिद्वार की जनता के लिए भी एक अवसर है कि वे उनके नेतृत्व में बेहतर प्रशासन और विकास की उम्मीद कर सकते हैं। मयूर दीक्षित की यह यात्रा प्रेरणादायक है और यह दर्शाती है कि समर्पण और कठिन परिश्रम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।