हरिद्वार, 8 जून 2025: कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में गुरु गोरखनाथ धाम, बागपत निवासी सुरेश भगत 41 दिवसीय कठोर खड़ी मौन साधना कर रहे हैं। 30 अप्रैल से शुरू हुई यह साधना 10 जून को सम्पन्न होगी। पिछले 9 वर्षों से राष्ट्र कल्याण और सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए यह कठिन तपस्या कर रहे सुरेश भगत 24 घंटे खड़े रहकर, बिना अन्न ग्रहण किए, केवल जल पीकर और मौन धारण कर साधना करते हैं।
लिखित रूप में सुरेश भगत ने बताया कि सनातन संस्कृति हमारी पहचान है और इसके संरक्षण-संवर्धन के लिए जनजागृति आवश्यक है। गंगा तट पर की जा रही यह तपस्या मानव कल्याण और विश्व शांति के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर की सूक्ष्म आराधना से भक्तों का कल्याण होता है। दक्षेश्वर महादेव मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन और मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी से सनातन संस्कृति की शक्ति को पहचानने का आह्वान किया।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि सनातन धर्म मानव सेवा और आदर्शों का संदेश देता है। सुरेश भगत की यह कठोर साधना युवाओं के लिए प्रेरणादायी है और महादेव की कृपा से उनका मानव कल्याण का संकल्प अवश्य पूरा होगा।
सेवादार श्रवण पंडित, योगेश धामा और सोनू ने बताया कि सुरेश भगत 9 वर्षों से लगातार 41 दिनों की कठिन तपस्या कर रहे हैं। उनका विश्व कल्याण का उद्देश्य निश्चित रूप से साकार होगा।
यह साधना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में सनातन संस्कृति के प्रति जागरूकता और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने का भी एक अनुपम उदाहरण है।