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जंगम समुदाय ने केयर कॉलेज में किया सनातन धर्म का प्रचार, लोकगीतों के माध्यम से विद्यार्थियों को किया जागरूक

जंगम एक आध्यात्मिक यात्रा

सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में समर्पित जंगम समुदाय की एक टीम ने आज केयर कॉलेज में अपनी अनूठी प्रस्तुति के माध्यम से विद्यार्थियों को धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक किया। यह समुदाय, जो भगवान शिव के पुरोहित के रूप में जाना जाता है, देश भर में घूम-घूमकर लोकगीतों के जरिए सनातन धर्म का प्रचार करता है। जंगम अपनी विशिष्ट वेशभूषा, जिसमें सिर पर नाग, ध्वजा और कुंडल शामिल हैं, के साथ भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और धर्म के संदेश को जन-जन तक पहुंचाते हैं।

मान्यता है कि जंगम समुदाय की उत्पत्ति स्वयं भगवान शिव ने अपने विवाह के समय की थी, जब ब्रह्मा और विष्णु सहित अन्य देवताओं ने शिव पर चढ़ाए गए दान को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। तब भगवान शिव ने जंगम को अवतरित किया, जिन्हें दान लेने का अधिकार प्राप्त हुआ। कहा जाता है कि प्रथम जंगम, अनंतनाम जंगम जेरु को ब्रह्मा ने जनेऊ और विष्णु ने घंटी प्रदान की थी। तभी से जंगम दान को हाथ में न लेकर अपनी घंटी में स्वीकार करते हैं, जो उनकी परंपरा का एक विशेष पहलू है।

केयर कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में जंगम टीम ने लोकगीतों और भक्ति भजनों के माध्यम से सनातन धर्म की महत्ता और भगवान शिव की महिमा का बखान किया। कार्यक्रम में कॉलेज के सभी फैकल्टी सदस्यों के साथ-साथ मैनेजिंग डायरेक्टर राजकुमार शर्मा और प्रीतशिखा शर्मा भी उपस्थित रहे। उन्होंने जंगम टीम के इस प्रयास की सराहना की और उनके मिशन को प्रोत्साहित करते हुए पूरी टीम को सम्मानित किया।

राजकुमार शर्मा ने कहा, “जंगम समुदाय का यह प्रयास हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने और नई पीढ़ी को धर्म के प्रति जागरूक करने का एक अनूठा प्रयास है। हम उनके इस कार्य का सम्मान करते हैं।” प्रीतशिखा शर्मा ने भी जंगम समुदाय के योगदान को सराहा और विद्यार्थियों से उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने का आह्वान किया।

यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी रहा, बल्कि सनातन धर्म की गौरवशाली परंपराओं को उजागर करने में भी महत्वपूर्ण साबित हुआ। जंगम समुदाय का यह प्रयास सांस्कृतिक जागरूकता और धार्मिक एकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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