नई दिल्ली। वित्त मंत्री ने आम बजट 2025 पेश करते हुए मध्यम वर्ग, किसानों और उद्यमियों के लिए कई बड़े ऐलान किए। सबसे अहम घोषणा के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, किसानों की आय बढ़ाने, एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने और देश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए कई योजनाएं लागू की जाएंगी।
करदाताओं को बड़ी राहत: नई टैक्स दरें
वित्त मंत्री ने नए टैक्स स्लैब का ऐलान करते हुए बताया कि इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत:
0-4 लाख रुपये तक – कोई कर नहीं
4-8 लाख रुपये तक – 5%
8-12 लाख रुपये तक – 10%
12-16 लाख रुपये तक – 15%
16-20 लाख रुपये तक – 20%
20-24 लाख रुपये तक – 25%
24 लाख से ऊपर – 30%
किसानों और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा
सब्जी, फल और श्रीअन्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर योजनाएं बनाई जाएंगी।
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना होगी, जिससे किसानों को प्रशिक्षण और मार्केटिंग में मदद मिलेगी।
कपास मिशन की शुरुआत, जिससे लंबे रेशे वाली कपास की खेती को बढ़ावा मिलेगा।
MSME और स्टार्टअप्स के लिए बड़ा समर्थन
MSME के लिए क्रेडिट गारंटी कवर बढ़ाया जाएगा।
पहली बार उद्यमी बनने वालों को 2 करोड़ रुपये तक का टर्म लोन मिलेगा, जिससे महिलाओं और एससी-एसटी वर्ग को फायदा होगा।
फुटवियर और चमड़ा उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे 22 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की शुरुआत होगी, जिसमें क्लीन टेक विनिर्माण पर जोर दिया जाएगा।
शिक्षा और कौशल विकास
बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान स्थापित होगा, जिससे खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा।
IIT पटना समेत 5 IITs का बुनियादी ढांचा मजबूत किया जाएगा।
50 हजार नवाचार प्रयोगशालाएं सरकारी स्कूलों में स्थापित की जाएंगी।
राष्ट्रीय उत्कृष्ट संस्थान की स्थापना होगी, जो ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ मिशन को आगे बढ़ाएगा।
ऊर्जा, पर्यटन और बुनियादी ढांचे में सुधार
100 गीगावॉट की परमाणु ऊर्जा क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
उड़ान योजना के तहत 120 नए स्थानों तक हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी।
बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे और पटना एयरपोर्ट का विस्तार होगा।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 50 प्रमुख स्थलों का विकास किया जाएगा और होम स्टे के लिए मुद्रा लोन दिया जाएगा।
बीमा और निवेश क्षेत्र में बड़े बदलाव
बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की जाएगी।
1.5 लाख करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान राज्यों को ब्याज मुक्त लोन के रूप में दिया जाएगा।
स्वास्थ्य और औषधि क्षेत्र को राहत
36 जीवनरक्षक दवाओं को कस्टम ड्यूटी से छूट दी गई।
6 अन्य दवाओं को 5% कस्टम ड्यूटी की सूची में शामिल किया गया।
टीडीएस-टीसीएस में बदलाव
वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस की छूट सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की गई।
किराये पर टीडीएस छूट की सीमा 6 लाख रुपये की गई।
अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा अब 4 साल होगी।
निर्यात और उद्योगों को बढ़ावा
हैंडीक्राफ्ट निर्यात की समय सीमा 6 महीने से बढ़ाकर 1 साल कर दी गई।
फ्रोजन फिश पेस्ट पर कस्टम ड्यूटी 30% से घटाकर 5% की गई।यह बजट मध्यम वर्ग को कर राहत देने, किसानों की आय बढ़ाने और उद्योगों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।