हरिद्वार, 06 जून 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला प्रशासन को भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता और लापरवाही के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को समयबद्धता, पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ कार्य करने की हिदायत दी है।
**भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस**: डीएम ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी कार्यालयों में भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के टोल-फ्री नंबर 1064 का साइनेज लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि रिश्वत मांगने की शिकायतें सीधे दर्ज की जा सकें।
**समय पर कार्यालय पहुंचें कर्मचारी**: डीएम ने सभी कार्मिकों को निर्धारित समय पर कार्यालय पहुंचने का आदेश दिया। देरी की स्थिति में पहली बार मौखिक चेतावनी, दूसरी बार लिखित चेतावनी, तीसरी बार एक दिन का आकस्मिक अवकाश काटने और चौथी बार से अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
**आगंतुकों के साथ शालीन व्यवहार**: कार्यालयों में आने वाले लोगों के लिए पर्याप्त बैठने की व्यवस्था और पेयजल की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम ने कहा कि आगंतुकों की समस्याओं को मुख्यमंत्री के मूल मंत्र ‘सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि’ के आधार पर शालीनता से निपटाया जाए।
**मुख्यालय छोड़ने पर अनुमति अनिवार्य**: कोई भी अधिकारी बिना लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
**फील्ड में सक्रिय रहें अधिकारी**: डीएम ने फील्ड और जिला स्तरीय अधिकारियों को नियमित रूप से क्षेत्रों का भ्रमण कर जन समस्याओं को मौके पर निपटाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही तहसील दिवस और जनता दरबार के माध्यम से जन-सुनवाई को प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया।
**कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता जरूरी**: डीएम ने कार्यों में गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी के इन कड़े निर्देशों से जिला प्रशासन में पारदर्शी और जवाबदेह कार्यप्रणाली को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।