हरिद्वार, 29 मई 2025: देवभूमि विकास संस्थान के तत्वावधान में आज हरिद्वार में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें समाज में बढ़ती तलाक की प्रवृत्ति पर गहन विचार-विमर्श हुआ। परम पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज के सान्निध्य और हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में प्री-वेडिंग काउंसलिंग की आवश्यकता पर बल दिया गया।
स्वामी अवधेशानंद जी ने कहा कि विवाह केवल सामाजिक अनुबंध नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिसमें समझ, सहनशीलता और समर्पण जरूरी है। उन्होंने चार वर्गों के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता बताई:
1. विवाह योग्य जोड़े, जो शादी की वास्तविकताओं के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार हों।
2. उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने वाले युवा, जिन्हें नैतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों से परिचित कराना जरूरी है।
3. माता-पिता, जो अपनी संतानों को संस्कारित जीवन के लिए प्रेरित करें।
4. तलाक या संबंध-विच्छेद से गुजर चुके लोग, जिनके अनुभवों से समाज सीख ले सकता है।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिव-इन रिलेशनशिप के दुष्परिणामों पर चिंता जताते हुए कहा कि यह प्रवृत्ति पारिवारिक ढांचे को कमजोर कर रही है और सामाजिक अस्थिरता को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने युवाओं को मार्गदर्शन के लिए संस्थागत प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया।
बैठक में रमेंद्री मंद्रवाल, एडवोकेट रवि नेगी, सतेंद्र नेगी, डॉ. राकेश भट्ट, प्रमोद रावत, डॉ. एच.सी. पुरोहित, कृति रावत, यशवंत रावत सहित बुद्धिजीवी, शिक्षक, समाजसेवी और युवा प्रतिनिधि शामिल हुए।
देवभूमि विकास संस्थान जल्द ही प्री-वेडिंग काउंसलिंग सत्रों की श्रृंखला शुरू करने जा रहा है, ताकि परिवार संस्था को मजबूत किया जा सके और युवाओं को वैवाहिक जीवन के लिए तैयार किया जा सके।