गढ़वाल मण्डलहरिद्वार

चंडी देवी मंदिर के महंत रोहित गिरी की गिरफ्तारी पर संत समाज में रोष, आरोपों को बताया निराधार

हरिद्वार के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ चंडी देवी मंदिर के महंत रोहित गिरी की पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद धार्मिक और सामाजिक गलियारों में हलचल मच गई है। पंजाब के लुधियाना में एक महिला द्वारा छेड़छाड़ के आरोप में दर्ज मुकदमे के आधार पर पंजाब पुलिस ने महंत रोहित गिरी को हरिद्वार के श्यामपुर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लुधियाना ले गई। इस घटना के बाद संत समाज ने एकजुट होकर आरोपों को निराधार और षड्यंत्र का हिस्सा करार दिया है।

संतों का कहना है कि महंत रोहित गिरी, जो मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और मंदिर की पूजा-अर्चना की जिम्मेदारी संभालते हैं, को जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। कई संतों ने आरोप लगाने वाली महिला और इस मामले के पीछे की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उनका दावा है कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जिसका मकसद धार्मिक संस्थानों की पवित्रता को कलंकित करना और संत समाज की छवि को धूमिल करना है।

हरिद्वार के एक प्रमुख संत ने कहा, “महंत रोहित गिरी ने हमेशा धर्म और समाज की सेवा की है। ऐसे निराधार आरोप लगाकर उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो।” संत समाज ने पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं, उनका कहना है कि बिना ठोस सबूत और स्थानीय पुलिस को पूरी तरह विश्वास में लिए गिरफ्तारी की गई, जो संदेह पैदा करता है।

जानकारी के अनुसार, लुधियाना की एक महिला ने आरोप लगाया है कि एक साल पहले हवन के लिए हरिद्वार आने पर उनकी महंत रोहित गिरी से जान-पहचान हुई थी। महिला ने दावा किया कि महंत ने बाद में व्हाट्सएप पर कॉल किए और 14 मार्च 2025 को लुधियाना में सुनसान जगह पर ले जाकर छेड़छाड़ की। इस शिकायत के आधार पर कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने कार्रवाई की। हालांकि लोगों का कहना है कि यह महंत को ब्लैकमेल करने की साजिश भी हो सकती है ।

हालांकि, संतों और महंत के समर्थकों का कहना है कि यह आरोप पूरी तरह झूठा है और इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने मांग की है कि मामले की गहन जांच हो और सच्चाई सामने लाई जाए।

हरिद्वार के धार्मिक जगत में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। संत समाज ने इस घटना के खिलाफ एकजुट होकर प्रदर्शन करने और डीजीपी को ज्ञापन सौंपने की बात भी कही है। दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि वे कोर्ट के आदेश का पालन कर रही हैं और जांच जारी है। इस मामले में आगे की कार्रवाई और जांच पर सभी की नजरें टिकी हैं।

 

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