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सनातन संस्था के संस्थापक डॉ. जयंत आठवले का 83वां जन्मोत्सव और सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव का भव्य आयोजन

झारखंड, 15 मई 2025: सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बालाजी आठवले का 83वां जन्मोत्सव और संस्था के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में गोवा के फर्मागुडी, फोंडा में 17 से 19 मई 2025 तक ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है। इस महोत्सव का उद्देश्य ‘विश्वकल्याणार्थ रामराज्यसमान सनातन राष्ट्र’ की स्थापना के लिए शंखनाद करना है।

 

इस भव्य आयोजन में 23 देशों से 25,000 से अधिक साधक, भक्तजन, संत-महंत, मंदिरों के ट्रस्टी, केंद्रीय मंत्री, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री और हिन्दुत्व के ध्वजवाहक सहभागी होंगे। झारखंड से 54 से अधिक हिन्दू इस महोत्सव में शामिल होंगे। सनातन संस्था की श्रीमती बबीता गांगुली ने बताया कि यह आयोजन रामराज्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

 

**महोत्सव में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति**

आयोजन में ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, पतंजलि योगपीठ के स्वामी रामदेव, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरिजी, पूज्य देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज, केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, तेलंगाना के भाजपा विधायक टी. राजा सिंह सहित अनेक मान्यवर शामिल होंगे। झारखंड से संत प्रदीप खेमका, रांची सांसद व राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ, तरुण हिन्दू के संस्थापक डॉ. नील माधव दास और विहिप के झारखंड अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत भी उपस्थित रहेंगे।

 

**रामराज्य संकल्प जपयज्ञ और संतसभा**

महोत्सव का घोषवाक्य ‘धर्मेण जयति राष्ट्रम्’ है, जिसका अर्थ है ‘धर्म से राष्ट्र की विजय होती है’। इस अवसर पर ‘रामराज्य संकल्प जपयज्ञ’ के तहत एक करोड़ श्रीराम नाम का जप किया जाएगा। साथ ही, सनातन राष्ट्र की उद्घोषणा के लिए संतसभा का आयोजन होगा, जिसमें देशभर के संत, महंत और धर्मगुरु अपने तेजस्वी विचार प्रस्तुत करेंगे।

 

**हिन्दू राष्ट्ररत्न और सनातन धर्मश्री पुरस्कार**

सनातन धर्म की सेवा में समर्पित हिन्दू वीरों को ‘हिन्दू राष्ट्ररत्न’ और धर्मरक्षकों को ‘सनातन धर्मश्री’ पुरस्कार संतों के हाथों प्रदान किए जाएंगे। महोत्सव में छत्रपति शिवाजी महाराज के काल के प्राचीन शस्त्रों, सनातन संस्कृति, कला, आयुर्वेद और आध्यात्मिक वस्तुओं की भव्य प्रदर्शनी भी आयोजित होगी।

 

**संतों की पादुकाओं और सोरटी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन**

आयोजन में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले के गुरु भक्तराज महाराज, समर्थ रामदास स्वामी, श्री साईबाबा, गगनगिरी महाराज सहित 10 से अधिक संतों की पादुकाओं के दर्शन का अवसर प्राप्त होगा। साथ ही, 1,000 वर्ष पुराने सोरटी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन की दुर्लभ संधी भी उपलब्ध होगी।

 

**महाधन्वंतरि यज्ञ**

19 मई को विश्वकल्याण और सनातन धर्मियों के स्वास्थ्य के लिए ‘महाधन्वंतरि यज्ञ’ का आयोजन होगा।

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