हरिद्वार। सनातन संस्कृति, भारतीय जीवन मूल्यों और राष्ट्रभक्ति को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से श्री अखंड परशुराम अखाड़ा ने धार्मिक आयोजकों, श्रद्धालुओं और महापुरुषों से विशेष अपील की है।
अखाड़े ने कहा कि धार्मिक आयोजनों में स्वच्छता, अनुशासन और गरिमा का पालन किया जाए तथा देवी-देवताओं के स्वरूपों की हास्यास्पद प्रस्तुतियों को पूरी तरह रोका जाए। झाँकियों और मंचन को सुसंस्कृत, स्वच्छ एवं दिव्य स्वरूप में प्रस्तुत करने पर बल दिया गया।
संवाद मंचों और लघुनाटिकाओं के माध्यम से श्रीराम-सबरी संवाद, परशुराम-लक्ष्मण संवाद, श्रीकृष्ण-ग्वाल संवाद, गीता उपदेश तथा गंगा-शिव संवाद जैसे प्रसंगों को समाज के सामने रखने की अपील की गई। साथ ही शहीदों की गाथाओं और देशभक्ति आधारित प्रेरक प्रसंगों के मंचन से युवाओं में राष्ट्रप्रेम जगाने का आह्वान किया गया।
इसके अलावा अखाड़े ने सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज, व्यसन, जातिवाद और पारिवारिक हिंसा के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम चलाने तथा श्रवण कुमार, राजा हरिश्चंद्र, लव-कुश जैसे आदर्श पात्रों पर आधारित नाट्य मंचन करने का आग्रह किया।
नवरात्रि और अन्य अवसरों पर महामाया दुर्गा के नौ स्वरूपों का महत्व जन-जन तक पहुँचाने की भी विशेष अपील की गई।
अखाड़े ने कहा कि इन निर्देशों को अपनाकर ही धर्म की गरिमा सुरक्षित रह सकती है और आने वाली पीढ़ियों में संस्कार, आस्था और राष्ट्रभावना को जाग्रत किया जा सकता है।
✍️ निवेदक : श्री अखंड परशुराम अखाड़