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मनसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़: 6 की मौत, कई घायल। अफवाह बनी हादसे की वजह

हरिद्वार में सावन के दूसरे रविवार को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ में अफरा-तफरी, जांच के आदेश

सावन के पवित्र महीने में मां मनसा देवी के दर्शन को उमड़ी भारी भीड़ रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसे का कारण बन गई। मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर सीढ़ियों के पास अचानक मची भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।

 

यह हादसा सुबह करीब 8:30 बजे हुआ, जब मंदिर से लगभग 100 मीटर दूर बिजली के खंभे में करंट होने की अफवाह फैली, जिससे भगदड़ मच गई।

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में करंट की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अफवाह ने भय का माहौल बना दिया। जिला मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित ने भी कहा कि घटनास्थल पर करंट जैसी कोई बात सामने नहीं आई है।

 

गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने घटनास्थल का दौरा करने की बात कहते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर शोक जताते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही। उन्होंने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़ से हुई जनहानि अत्यंत दुखद है।”

 

एसडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया। स्थिति अब नियंत्रण में बताई जा रही है। घायलों को जिला अस्पताल और गंभीर रूप से घायलों को उच्च चिकित्सा केंद्रों में भर्ती कराया गया है।

 

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि अफवाह फैलते ही लोग डर के मारे इधर-उधर भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

 

यह हादसा धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है। सावन में मनसा देवी मंदिर में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर बिल्वा पर्वत पर स्थित है, जहां तक पैदल मार्ग और रोपवे दोनों से जाया जा सकता है।

 

यह दुखद घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है। प्रशासन पर अब जिम्मेदारी है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

 

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