हरिद्वार के वरिष्ठ अधिवक्ता शुभम भारद्वाज ने दिनांक 25 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री उत्तराखंड को पत्र लिखकर एक महत्वपूर्ण मांग रखी है। उन्होंने आग्रह किया है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा अधिकारियों को आवंटित किए गए मोबाइल नंबरों को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए, क्योंकि इनका दुरुपयोग किया जा रहा है और जनता को इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा।
अधिवक्ता शुभम भारद्वाज के अनुसार, सरकार ने ये मोबाइल नंबर जनता की सहूलियत के लिए दिए थे, ताकि नागरिक अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों तक पहुंचा सकें। लेकिन वर्तमान में देखने में आ रहा है कि कई अधिकारी इन नंबरों का इस्तेमाल खुद नहीं कर रहे, बल्कि इन्हें अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सौंप दिया है।
शुभम भारद्वाज का कहना है कि अक्सर ये फोन या तो उठाए नहीं जाते या फिर अधीनस्थ कर्मचारी टालमटोल कर देते हैं, जिससे जनता की शिकायतों का समाधान नहीं हो पाता। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इन नंबरों का खर्च भी सरकारी खजाने से होता है, जो कि जनता की मेहनत की कमाई से आता है।
जांच और कार्रवाई की मांग
पत्र में अधिवक्ता ने मांग की है कि इस पूरे मामले की गोपनीय जांच कराई जाए और जिन अधिकारियों ने इन नंबरों का दुरुपयोग किया है, उनसे मोबाइल नंबर तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएं।
जनता की आवाज को दबाना नहीं चाहिए — अधिवक्ता
अधिवक्ता भारद्वाज ने कहा कि यदि जनता की आवाज सरकारी नंबरों पर नहीं सुनी जाएगी, तो फिर ऐसे संसाधनों का औचित्य ही समाप्त हो जाता है। सरकार को चाहिए कि वह इस दिशा में तत्काल सख्त कदम उठाए।