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उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही: “जो जग गए वो बच गए, जो नहीं उठे… वो बह गए” — मजदूरों की आपबीती रुला देने वाली

उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में सिलाई बैंड के पास सोमवार तड़के बादल फटने की भयावह घटना ने तबाही मचा दी। रात के अंधेरे में आई पानी की तेज़ धार ने कई मजदूरों को अपने साथ बहा लिया, कई की जान बच गई—but उनके दिलों में अब भी उस रात की दहशत ज़िंदा है।

 

सिलाई बैंड के पास सड़क निर्माण में लगे मजदूरों के लिए यह रात कभी न भूलने वाली बन गई। जो मजदूर उस समय जगे हुए थे, वे तो किसी तरह जान बचा सके, लेकिन जो सोए हुए थे—वे तेज़ बहाव में बह गए।

 

बचे हुए मजदूरों ने सुनाई आपबीती:

मलबे से किसी तरह जिंदा निकले मजदूरों ने बताया—”पानी आया था उठाने… जो उठ गया वो बच गया, जो नहीं उठ पाया वो चला गया। सब कुछ पलक झपकते हुआ। किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला।”

 

एक मजदूर ने बताया, “हम लोग टेंट में सो रहे थे, तभी तेज़ आवाज़ आई। जब बाहर निकले तो चारों ओर से पानी ही पानी था। किसी ने चिल्लाकर उठाया तो जान बची।”

तबाही का मंजर:

इस प्राकृतिक आपदा में कई मजदूर लापता बताए जा रहे हैं, कुछ के शव बरामद कर लिए गए हैं। राहत और बचाव कार्य अब भी जारी है। SDRF और जिला प्रशासन की टीम मौके पर जुटी हुई हैं।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक, दिए राहत के निर्देश:

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि लापता लोगों की जल्द से जल्द खोजबीन की जाए और घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए।

 

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