देहरादून, 11 जून 2025: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत वसीयत, विवाह और विक्रय पत्र पंजीकरण को ऑनलाइन करने के सरकार के फैसले के खिलाफ अधिवक्ताओं ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। हजारों अधिवक्ताओं ने देहरादून में सचिवालय का घेराव कर ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था को वापस लेने और अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा की मांग की।
**चपाती धूप में भी नहीं टूटा हौसला**
तपती धूप के बावजूद अधिवक्ताओं का उत्साह कम नहीं हुआ। देहरादून बार एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में अध्यक्ष मनमोहन गढ़वाल, सचिव राजीव शर्मा बंटू, पूर्व अध्यक्ष अनिल कुकरेती, सुयक्ष कुकरेती, जतिन दुग्गल, ओपी शुक्ला सहित हजारों अधिवक्ता शामिल हुए। महिला अधिवक्ताओं जैसे अल्पना जडली, प्रमिला रावत, सीमा चड्ढा और रत्ना रावत ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
**प्रमुख मांगें**
अधिवक्ताओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्री व्यवस्था को तत्काल वापस लेने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने और अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। उनका कहना है कि ऑनलाइन व्यवस्था से उनकी आजीविका पर संकट आ सकता है।
**सरकार को चेतावनी**
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन गढ़वाल ने कहा, “हम अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। सरकार को हमारी मांगें माननी ही होंगी।”
**आगे क्या?**
अधिवक्ताओं की एकजुटता को देखते हुए यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार कर सकती है। हालांकि, सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
**प्रदर्शन में शामिल प्रमुख चेहरे**
प्रदर्शन में राजवीर सिंह बिष्ट, अजय बिष्ट, विपिन नौटियाल, धीरज प्रसाद जोशी, जितेंद्र सिंह, रौनक शर्मा, संग्राम सिंह पुंडीर, वीरेंद्र सहगल, अनुपम गौतम, अनुपम ठाकुर, अर्पण चौहान, पिंकी भरतवाल, अमृत कौर, सुमन, रेणु सेमवाल जैसे अधिवक्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
यह प्रदर्शन न केवल अधिवक्ताओं की एकता का प्रतीक रहा, बल्कि सरकार के लिए भी एक बड़ा संदेश है कि उनकी मांगों को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा।