मेरठ, 10 जून 2025: शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने मंगलवार को मेरठ में हिंदुत्ववादी नेता सचिन सिरोही से मुलाकात की। हाल ही में जेल से जमानत पर रिहा हुए सचिन सिरोही से मिलने यति नरसिंहानंद उनके आवास पर पहुंचे। उनके साथ यति अभयानंद गिरी, चाहन सिंह बलियान, डॉ. योगेंद्र योगी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
यति नरसिंहानंद ने सचिन सिरोही की गिरफ्तारी को “असंवैधानिक” करार देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों पर हिंदू विरोधी रवैया अपनाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब किसी ने अवैध मस्जिद का अहिंसक विरोध करने और किसी नेता का पुतला जलाने के लिए जेल की सजा काटी हो। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े मजबूत कार्यकर्ता के साथ ऐसा हो सकता है, तो इस सरकार में हिंदुओं की सुरक्षा का क्या?
यति नरसिंहानंद ने कहा, “कभी-कभी ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश के अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने और उनकी राजनीति को कमजोर करने के लिए काम कर रहे हैं। वे विशेष रूप से उन लोगों को निशाना बना रहे हैं जो योगी जी के सबसे मजबूत समर्थक हैं। यह समझ से परे है कि योगी जी इन अधिकारियों की हरकतों को क्यों सहन कर रहे हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति रही, तो जल्द ही उत्तर प्रदेश में योगी समर्थकों का कोई अस्तित्व नहीं बचेगा।
उन्होंने हिंदू संगठनों और जनता से अपील की कि वे सचिन सिरोही जैसे कार्यकर्ताओं के समर्थन में खड़े हों, वरना हिंदुओं के मुद्दों पर बोलने वाला कोई नहीं बचेगा। उन्होंने कहा, “हिंदुओं को अपने धर्म के लिए लड़ना है तो हथियार उठाएं, वरना चुपचाप घर बैठें।” इस बयान ने एक बार फिर विवाद को जन्म दे दिया है।
सचिन सिरोही की गिरफ्तारी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश व्याप्त है। यति नरसिंहानंद ने अधिकारियों की इस “घटिया मनोवृत्ति” को हिंदू समाज के लिए खतरा बताया और कहा कि इससे आम हिंदुओं में गहरा असंतोष है। इस मुलाकात के बाद मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है।