देहरादून, 08 जून 2025*: उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) द्वारा जारी ज्येष्ठता सूची को लेकर आंदोलन की घोषणा की है। रविवार को देहरादून के विकास सदन, माजरा स्थित एसोसिएशन के केंद्रीय कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि यूपीसीएल प्रबंधन ने 2010 में सीधी भर्ती से नियुक्त सहायक अभियंताओं को 2008-09 की ज्येष्ठता देकर नियमों का उल्लंघन किया है। प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के 30 जून 2016 के पदोन्नति आदेश को आधार बनाया, जो कोई नियमावली नहीं है। एसोसिएशन के अनुसार, उच्चतम न्यायालय ने मुजीब उर रहमान बनाम उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन मामले में 11 जुलाई 2023 को स्पष्ट किया कि ज्येष्ठता नियुक्ति की तारीख से निर्धारित होगी। इसके बावजूद, यूपीसीएल ने कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज कर सीधी भर्ती वाले सहायक अभियंताओं को विज्ञापन की तारीख से ज्येष्ठता दी।
एसोसिएशन ने यूपीसीएल पर पदोन्नत सहायक अभियंताओं के साथ भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि प्रबंधन लगातार उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहा है। पहले भी नियमों के उल्लंघन पर निगम पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। एसोसिएशन ने मांग की कि उच्च न्यायालय के 27 जून 2024 और 14 फरवरी 2025 के आदेशों का पालन करते हुए नियुक्ति की तारीख से रोटा-कोटा के आधार पर ज्येष्ठता सूची बनाई जाए। जब तक मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
विद्युत ऊर्जा आरक्षित वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष राजवीर सिंह ने 6 जून को ऊर्जा भवन में आंदोलन सभा को संबोधित कर पूर्ण समर्थन जताया। जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
बैठक में पवन रावत, सुनील उनियाल, राहुल अग्रवाल, रेनू जोशी, संतोष डबराल, मनोज कंडवाल, रामकुमार, राजीव खर्कवाल, मनोज रावत, भूपेंद्र तोपवाल, नवनीत चौहान सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।