हरिद्वार, 2 जून 2025: उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति (UGVS) की ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना ने हरिद्वार के मिस्सरपुर गाँव की दीपा देवी के जीवन में नया उजाला लाया है। मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशों के तहत जनपद के सभी विकासखंडों में अल्ट्रा पूवर सपोर्ट और उद्यम स्थापना के प्रयासों ने ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने का काम किया है।
दीपा, जो भागीरथी स्वयं सहायता समूह (SHG), रिद्धि-सिद्धि ग्राम संगठन और स्वागत सीएलएफ की सदस्य हैं, पहले छोटे स्तर पर सिलाई का काम करती थीं। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार का भरण-पोषण चुनौतीपूर्ण था। ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की टीम ने बहादराबाद विकासखंड में दीपा की स्थिति का जायजा लिया और उनके सिलाई उद्यम को विस्तार देने की इच्छा को पहचाना।
परियोजना के तहत दीपा को ₹57,000 की गतिविधि लागत में से ₹35,000 का ब्याज मुक्त ऋण दो वर्षों के लिए प्रदान किया गया। दीपा ने अपनी बचत से ₹7,000 और समूह व संगठन से ₹15,000 का अंशदान जोड़ा। इस वित्तीय सहायता से दीपा ने अपने सिलाई उद्यम को बड़े पैमाने पर विस्तार दिया।
आज दीपा प्रति माह ₹15,000 की आय अर्जित कर रही हैं, जिससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण आसानी से कर पा रही हैं। दीपा की कहानी ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की सफलता का प्रतीक है, जो ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उद्यमिता को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। यह परियोजना दीपा जैसी अनेक महिलाओं के लिए आशा की किरण बनकर उनके जीवन को नई दिशा दे रही है।