फोंडा, गोवा, 18 मई 2025*: सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले के 83वें जन्मोत्सव और संस्था के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में गोवा अभियांत्रिकी महाविद्यालय के मैदान पर आयोजित ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद’ महोत्सव में 20 हजार से अधिक हिन्दुओं की उपस्थिति में ‘सनातन राष्ट्र संकल्प’ धर्मसभा सम्पन्न हुई। इस अवसर पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंद देवगिरीजी महाराज ने कहा, “केवल जप से काम नहीं चलेगा। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के साथ ईश्वर स्मरण का आदेश दिया था। समाज को अधर्म का प्रतिकार करने के लिए तैयार करना होगा। सनातन धर्म के प्रसार हेतु संगठित होकर परमात्मा की सेवा में समर्पित होना होगा।”
सभा में उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, सनातन बोर्ड के प्रणेता पू. देवकीनंदन ठाकुरजी, अखिल भारतीय आखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत पू. रवींद्र पुरी महाराज, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, अयोध्या के हनुमान गढी मंदिर के महंत राजूदासजी महाराज, इंडोनेशिया के धर्मस्थापनम् फाउंडेशन के पू. धर्मयशजी महाराज, स्वामी आनंद स्वरूप, आर्ट ऑफ लिविंग के दर्शक हाथी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे। सनातन संस्था की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ की उपस्थिति भी विशेष थी।
**सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए शक्ति की उपासना जरूरी**: सतीश महाना ने कहा, “सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए जागृति, साहस और शौर्य आवश्यक है। हिन्दुओं को शक्ति की उपासना करनी होगी। कुछ पंथों में अन्य धर्मियों के प्रति हिंसा की शिक्षा दी जाती है, जिसके प्रति हिन्दुओं में जागरूकता जरूरी है।”
**जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता**: अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा, “देश में हिन्दुओं की जनसंख्या घट रही है, जबकि अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ रही है। लव जिहाद, लैंड जिहाद, धर्मांतरण जैसी समस्याओं का हिन्दू शिकार हो रहे हैं। प्रतिदिन 10 हजार लोगों का धर्मांतरण हो रहा है। जनसंख्या नियंत्रण कानून इन समस्याओं का समाधान है।”
**धर्मदूत बनने का संकल्प**: सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगले ने कहा, “भारत को सनातन राष्ट्र बनाने का संतों का संकल्प है। इसके लिए हमें रामकाज अर्थात राष्ट्र और धर्मरक्षा का कार्य करना होगा। प्रत्येक हिन्दू को ‘धर्मदूत’ बनने का संकल्प लेना होगा।”
**हिन्दुओं को कट्टर होना होगा**: अयोध्या के महंत राजूदासजी ने कहा, “हिन्दुत्व बचा, तो राष्ट्र बचेगा और भारत टिका, तो विश्व बचेगा। सनातन धर्म में विश्व कल्याण की भावना है। धर्मरक्षा के लिए हिन्दुओं को कट्टर होना होगा।”
**धर्मसत्ता और राजसत्ता का सहयोग**: स्वामी बालकानंद गिरीजी ने कहा, “धर्मसत्ता और राजसत्ता के सहयोग से ही सनातन राष्ट्र की स्थापना संभव है।”
**विश्वरूप का दर्शन**: श्री. सुरेश चव्हाणके ने कहा, “सनातन संस्था ब्राह्मतेज और क्षात्रतेज के साथ धर्मकार्य कर रही है। इस महोत्सव से मुझे विश्वरूप का दर्शन हो रहा है।”
महोत्सव में युद्धकलाओं का प्रदर्शन, सनातन धर्म के प्रचार और हिन्दू जागृति पर जोर दिया गया। वक्ताओं ने अगली पीढ़ी को रामायण और गीता की शिक्षा देने का भी आह्वान किया।