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वक्फ संशोधन विधेयक अधूरा, हिंदू समाज की भूमि सुरक्षा पर उठे सवाल

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ संशोधन विधेयक पर हिंदू जनजागृति समिति ने नाराजगी जताई है। समिति का कहना है कि इस विधेयक में वक्फ बोर्ड के कुछ असीमित अधिकारों को सीमित किया गया है, लेकिन हिंदू समाज की भूमि की संपूर्ण सुरक्षा की गारंटी नहीं दी गई है। समिति ने मांग की है कि सरकार हिंदू समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए और अधिक ठोस कदम उठाए।

 

समिति की प्रमुख मांगें:

 

वक्फ अधिनियम की धारा 40, 104, 107 और 108 को हटाने के निर्णय का समिति ने स्वागत किया है।

 

धारा 3(c) के तहत केवल सरकारी भूमि की जांच का प्रावधान किया गया है, लेकिन हिंदू मंदिरों, ट्रस्टों और अन्य समुदायों की संपत्तियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी गई है।

 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीन आने वाली संपत्तियों पर वक्फ के दावों को पूर्वव्यापी प्रभाव (retrospective effect) से मुक्त नहीं किया गया है, जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि यह भूमि हिंदू समाज को वापस मिलेगी या नहीं।

 

हिंदू समाज की भूमि पर पूर्व में किए गए वक्फ दावों की पुन: जांच होनी चाहिए और अन्यायपूर्ण कब्जे रद्द किए जाने चाहिए।

 

 

संघर्ष जारी रहेगा

हिंदू जनजागृति समिति ने कहा है कि हिंदू समाज को अपनी भूमि की रक्षा के लिए एकजुट होकर आवाज उठाने की जरूरत है। समिति ने सरकार से अपील की है कि वह इस विधेयक में आवश्यक संशोधन करे और हिंदू समाज के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

 

 

 

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