उत्तराखंड: 27 जनवरी से लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC), देश का पहला राज्य बना
देहरादून। उत्तराखंड में बहुचर्चित कानून यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) 27 जनवरी से लागू हो जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी जानकारी देते हुए इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां यह कानून प्रभावी होगा।
सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी लागू करने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, जिसमें अधिनियम की नियमावली को मंजूरी और अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है। उन्होंने बताया कि यूसीसी से समाज में समानता आएगी और सभी नागरिकों को एक समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित होंगे। इस ऐतिहासिक पहल को लेकर राज्य में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
यूसीसी के लागू होने से ये बदलाव होंगे:
1. शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन:
विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा, और हर ग्राम सभा स्तर पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाएगी।
2. तलाक के लिए समान कानून:
सभी धर्मों और जातियों के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।
3. बहुविवाह पर रोक:
राज्य में बहुविवाह पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।
4. शादी की समान आयु:
लड़कियों की शादी की आयु सभी जाति और धर्म के लिए 18 साल निर्धारित की गई है।
5. समान उत्तराधिकार अधिकार:
लड़कियों को संपत्ति में लड़कों के बराबर का अधिकार मिलेगा।
6. गोद लेने के अधिकार:
सभी धर्मों के लोग बच्चों को गोद ले सकेंगे, लेकिन दूसरे धर्म के बच्चे को गोद लेने की अनुमति नहीं होगी।
7. हलाला प्रथा का अंत:
यूसीसी लागू होने के साथ ही हलाला जैसी प्रथाओं पर रोक लग जाएगी।
8. लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन:
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। अगर कपल की उम्र 18 से 21 साल है, तो माता-पिता की सहमति आवश्यक होगी।
9. लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मे बच्चों के अधिकार:
ऐसे बच्चों को भी शादीशुदा जोड़े के बच्चों की तरह अधिकार मिलेंगे।
कुछ अपवाद:
शेड्यूल ट्राइब, धार्मिक परंपराएं और ट्रांसजेंडर समुदाय को इस कानून से बाहर रखा गया है।
पूजा-पद्धतियों और धार्मिक प्रथाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर और समरस भारत” के सपने को साकार करने का एक कदम बताया। उनका कहना है कि यह कदम राज्य को प्रगतिशील और संगठित समाज की दिशा में ले जाएगा।