गाजियाबाद, 17 मार्च 2025 – शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने अपमान, हताशा और निराशा का हवाला देते हुए हिंदुत्व की सक्रिय राजनीति से अलग होने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब वे केवल हवन, यज्ञ और सनातन वैदिक ज्ञानपीठ के निर्माण के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
पुलिस कार्रवाई के विरोध में जंतर मंतर पर प्रदर्शन
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी अपने समर्थकों के साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के धरने के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर जाने की तैयारी में थे। लेकिन पुलिस ने डासना मंदिर को छावनी में तब्दील कर उन्हें वहां से निकलने नहीं दिया।
इस दौरान डॉ. उदिता त्यागी, पिंकी चौधरी सहित उनके कई सहयोगियों को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। बावजूद इसके, अनिल चौधरी और सचिन सिरोही जैसे कई हिंदूवादी कार्यकर्ता जंतर मंतर पर विरोध दर्ज कराने पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर अज्ञात स्थान पर भेज दिया।
महामंडलेश्वर का बयान:
यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा, “देश अब मोदी, योगी और अमित शाह के मजबूत हाथों में सुरक्षित है। धर्म की रक्षा करने के लिए जगद्गुरु, आचार्य, महामंडलेश्वर और अन्य संत मौजूद हैं। इसलिए अब मैं संघर्ष से पीछे हटकर सनातन धर्म के मूल कार्यों में संलग्न रहूंगा।”
प्रमुख बिंदु:
✔ डासना मंदिर को पुलिस ने छावनी में बदला, यति नरसिंहानंद को रोका
✔ समर्थकों को नजरबंद किया गया, कई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी
✔ जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने सख्त कार्रवाई की
✔ महामंडलेश्वर का संघर्ष से हटने का ऐलान, अब धार्मिक कार्यों पर ध्यान
इस घटनाक्रम को लेकर हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश है और उन्होंने इसे आस्था के खिलाफ कार्रवाई बताया है।