उत्तराखंडगढ़वाल मण्डलहरिद्वार

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज अपने स्टैंड पर कायम रहेंगे

ज्योर्तिमठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद महाराज एवं मीडिया प्रभारी बृजेश सती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी द्वारा कभी विरोध नहीं किया गया। उन्होंने केवल शास्त्रीय मर्यादाओं को दृष्टिगत रखते हुए जिन बिंदुओं पर आपत्ति थी, उसको जनता के समक्ष रखा। स्पष्ट किया कि किसी एक पक्ष में खड़ा होना बहुत आसान है। लेकिन सही को सही और गलत को गलत कहने का साहस अगर किसी में है तो हिंदुओं के धर्म गुरु ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी में ही है।

 

प्रेस को जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि शंकराचार्य जी धर्म के न्यायाधीश हैं । जो सही और गलत दोनों पक्षों पर अपनी बात रखते हैं। कहा कि शंकराचार्य जी के सन्दर्भ सुर बदलने का जो विमर्श संचार माध्यमो गढ़ा जा रहा है वह तथ्यों से परे है। भविष्य में भी वे इसी स्टैंड पर कायम रहेंगे।

 

शंकराचार्य जी की ओर से कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध नहीं किया गया। विरोध उन लोगों का किया गया जो प्रधानमंत्री से गलत कार्य करवा रहे थे।

 

ज्योतिर्मठ प्रभारी और मीडिया प्रभारी ने कहा कि ज्योतिर्मठ शंकराचार्य जी ने जिन बिंदुओं को जनता के सामने रखा , उसका संज्ञान लेते हुए अब काष्ठ और कपड़े से कलश के शिखर को निर्मित किया जा रहा है और अधूरे निर्माण को पूर्ण किया जा रहा है।

 

कहा कि पद पर रहते हुए शंकराचार्य जी कोई भी ऐसा अशास्त्रीय और धर्म के विपरीत कार्य का समर्थन नहीं कर सकते हैं । उन्होंने समय-समय पर प्रचार प्रसार माध्यमों के समक्ष अपनी बात को रखा और भविष्य में भी वह इसी तरह अपना पक्ष रखेंगे

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