पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के पूर्व सचिव श्री महंत रामानंद पुरी जी बुधवार को ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने कनखल के रामकृष्ण मिशन अस्पताल में अंतिम सांस ली, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए कलश यात्रा में होने के कारण उन्होंने सोशल मीडिया में अपना शोक संदेश दिया उन्होंने लिखा
तुलसी जसि भवतब्यता तैसी मिलइ सहाई।
आपुनु आवइ ताहि पहिं ताहि तहाँ लै जाइ ।
प्रभु की इच्छा के आगे इंसान का कोई बस नहीं वो जैसे चाहते हैं उसको वहां वैसे कार्य की जिम्मेदारी देते हैं, शायद उनका मेरे लिए यही आदेश था कि मैं उनकी प्राण प्रतिष्ठा के लिए यमनोत्री गंगोत्री ओर सरजू बागेश्वर उत्तराखण्ड से पवित्र जल लेकर अयोध्या जाऊं।
हरिद्वार से निकल कर जैसे ही मैं बरेली पहुंचा समाचार मिला मेरे गुरुदेव श्री महंत रामानंद पुरी जी बुधवार को ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने कनखल के रामकृष्ण मिशन अस्पताल में अंतिम सांस ली। मैं स्तब्ध था मुंह से शब्द नही निकल रहे थे।
एक बार विचार आया कि वापस हरिद्वार जाऊं लेकिन प्रभु श्रीराम ने जो मुझे कार्य दिया वो छोड़ कर कैसे वापस जाऊं।
शायद पूज्य ब्रह्मलीन गुरूदेव महंत रामानंद पुरी जी भी यही चाहते थे कि मैं प्रभु श्रीराम का दिया कार्य पूरा करूं इसलिए वह मेरे हरिद्वार से निकलने के बाद ब्रह्मलीन हुए। गुरुदेव एक सिद्ध संत थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन प्रभु की आराधना और समाज सेवा में बिताया।
आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वो हमेशा हमारे दिलों में हैं। संपूर्ण संत समाज, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट, एस एम जे एन पी जी कॉलेज, रामानन्द इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट फार्मासी एण्ड टेक्नोलॉजी आज उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है।
हमें विश्वास है कि उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ रहेगा। उनसे मुझे हमेशा एक पिता एक गुरु का प्यार और आशीर्वाद मिला, उनका संपूर्ण जीवन मेरे लिए प्रेरणास्रोत है।