हरिद्वार, 22 जनवरी। राम मंदिर निर्माण की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हरिद्वार के प्रयागराज महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े की छावनी में विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को मिठाई वितरित की गई और “जय श्रीराम” के नारों से वातावरण गूंज उठा।
संतों का आह्वान: धर्म और संस्कृति का करें प्रसार
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए राम मंदिर निर्माण को सनातन धर्म की ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह दिन धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। महाराज ने श्रद्धालुओं से एकजुट होकर धर्म और संस्कृति की महिमा के प्रसार का आह्वान किया।
रामलला के मंदिर से नई ऊर्जा का संचार
अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी ने कहा, “रामलला के भव्य मंदिर में प्रतिष्ठित होने के बाद से सनातन धर्म में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। यह दिन धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने राम मंदिर को हिंदू समाज की आस्था और संघर्ष की विजय का प्रतीक बताया।
प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपनाने की अपील
श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा, “प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपनाने से ही राम राज्य की स्थापना हो सकती है।” उन्होंने सभी को आदर्श समाज निर्माण में योगदान देने की अपील की।
विशिष्ट संतों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति
इस आयोजन में श्रीमहंत शंकारानंद, श्रीमहंत ओमकार गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी समेत बड़ी संख्या में संत-महात्मा और श्रद्धालु उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं में संजू अग्रवाल, विशाल कुमार, राजपाल और अन्य प्रमुख लोग शामिल थे।
इस आयोजन ने राम मंदिर की ऐतिहासिक उपलब्धि को श्रद्धालुओं के बीच सांस्कृतिक एकता और धार्मिक गौरव का प्रतीक बनाने का संदेश दिया।