पूज्यपाद जगदगुरु शंकराचार्य गोवर्धन पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के आशीर्वाद से बाबा भैरव मंदिर गोई मिश्रा लगमा, थाना घनश्यामपुर ,जिला दरभंगा, बिहार में जानकी नवमी के पावन अवसर पर माता सीता का प्राकटय महोत्सव श्री रामबाबू झा के अध्यक्षता में मनाया गया। जिसका संयोजन एवं संचालन श्री प्रेमचंद्र झा ने किया।
कार्यक्रम का शुरुआत भजन गायिका भवानी झा के स्वागत गान से हुआ जिसमें अनेक गांव के प्रमुख लोक उपस्थित हुए।
वेद विद्यालय घनश्यामपुर के संस्थापक श्री रतिकांत ब्रह्मचारी जी ने माता सीता का पादुरभाव संबंध में विभिन्न पुराण एवं रामायण से संबंधित वर्णन का विस्तृत जानकारी दिए ।
आचार्य चंद्र मोहन ठाकुर ने जनक नंदिनी जानकी के महिमा के बारे में लोगों को अवगत कराया ।
श्री प्रेमचंद्र झा जी ने राजा निमि से लेकर मिथिला शब्द की उत्पत्ति एवं मिथिला के महत्व के बारे में प्रकाश डाला उनका कहना था जनक नंदिनी जानकी लक्ष्मी के अवतार थी, आदिशक्ति थी। भगवान राम माता सीता के कारण ही पुरुषोत्तम कहलाए । श्री रविंद्र सिंह जी ने माता सीता के महिमा के बारे में एवं सनातन आदर्श परंपरा के निर्वाह में जनक नंदिनी जानकी के त्याग एवं तपस्या के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी दी।
पंडित गोपाल ठाकुर, चीफ इंजीनियर सोहन राय, श्रवण कुमार झा, बबलू झा एवं मनोज झा ने अपने वक्तव्य रखें ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए श्री उमेश झा, रविंद्र झा, जितेंद्र झा, श्याम झा, उदय प्रकाश झा, कार्तिक झा, जटा झा, गोविंद झा, गोपाल झा, लाल झा, राजू मिश्र, आशा झा, पार्वती देवी, देवेंद्र झा, बम बम झा, नंदी झा, मनोज झा, जीवछ मुखिया, भूटु साहू, श्रवण साहू, सत्यनारायण साहू, शिबू पासवान, नसीब पासवान, पलय झा, मग्नू झा एवं अन्य सक्रिय रहे।