हरिद्वार/खानपुर।
विकासखंड खानपुर में ग्रामोत्थान परियोजना के तहत संचालित उजाला सीएलएफ की सिंघाड़ा प्रोसेसिंग यूनिट का बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशानुसार भौतिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण का नेतृत्व जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) ने किया। उनके साथ को-डायरेक्टर टेक्निकल एक्सपर्ट श्री श्याम अरोड़ा भी मौजूद रहे।
यूनिट का उद्देश्य और प्रगति पर चर्चा
निरीक्षण के दौरान डीपीएम ने यूनिट के संचालन, उद्देश्य और क्षेत्रीय सिंघाड़ा उत्पादकों को इससे होने वाले लाभों की जानकारी दी। यह यूनिट किसानों को प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग का सशक्त मंच प्रदान करेगी। श्री श्याम अरोड़ा ने यूनिट की तकनीकी क्षमताओं की सराहना करते हुए इसे एक मॉडल प्रोजेक्ट बनाने के लिए आधुनिक तकनीक और प्रबंधन के उपयोग पर जोर दिया।
निर्माण कार्य में तेजी के निर्देश
यूनिट के ठेकेदार श्री अनुज को निर्देश दिए गए कि निर्माण कार्य को समय-सीमा और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने कार्य के दौरान सभी तकनीकी मानकों का पालन करने को कहा, ताकि यूनिट शीघ्र ही क्रियाशील हो सके।
किसानों और कर्मचारियों के साथ बैठक
निरीक्षण के बाद सिंघाड़ा उत्पादकों, ग्रामोत्थान परियोजना के विकासखंड स्तरीय स्टाफ, सीएलएफ पदाधिकारियों, और एनआरएलएम स्टाफ के साथ बैठक आयोजित की गई। इसमें किसानों को यूनिट के लाभ, प्रोसेसिंग प्रक्रिया और मार्केटिंग की जानकारी दी गई। साथ ही किसानों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिन पर अधिकारियों ने समाधान का आश्वासन दिया।
आगे की योजना और रोजगार सृजन
बैठक में तय किया गया कि यूनिट को जल्द से जल्द चालू किया जाएगा। इसके संचालन से न केवल किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। श्री श्याम अरोड़ा ने कहा कि यूनिट की सफलता के लिए किसानों और कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण और आधुनिक मार्केटिंग तकनीकों पर जोर देना आवश्यक है।
उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी
इस मौके पर ग्रामोत्थान परियोजना के विकासखंड स्तरीय स्टाफ, एनआरएलएम स्टाफ, सीएलएफ पदाधिकारी और स्थानीय किसान उपस्थित रहे। सभी ने परियोजना की सफलता के लिए सहयोग का वादा किया।
ग्रामीण विकास की दिशा में बड़ा कदम
सिंघाड़ा यूनिट की स्थापना न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें किसानों और युवाओं को समान रूप से लाभ मिलेग