मसूरी के ऐतिहासिक जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट की 142 एकड़ जमीन को मात्र 1 करोड़ रुपये सालाना किराए पर बाबा रामदेव के करीबी आचार्य बालकृष्ण की कंपनी को लीज़ पर देने के मामले में प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया है। कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण को उत्तराखंड का सबसे बड़ा भूमि घोटाला बताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। विपक्षी दलों का आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितता कर राज्य सरकार ने बाबा रामदेव की संबद्ध कंपनी को फायदा पहुंचाया, जबकि तीनों ही बोली लगाने वाली कंपनियों में बालकृष्ण की हिस्सेदारी है।
कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने कहा कि जिस जमीन का बाजार मूल्य करीब 30 हजार करोड़ रुपये है, उसे मात्र एक करोड़ रुपये वार्षिक किराए पर देने से राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। विपक्ष ने कहा कि कंपनी ने कब्जा करने के बाद 200 साल पुरानी आमजन की पगडंडियों को बंद कर, पार्किंग और एंट्री के नाम पर मोटी वसूली शुरू कर दी। नेताओं ने मांग की कि पूरे लीज आवंटन की न्यायिक जांच हो और रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
दूसरी ओर, राज्य सरकार और पर्यटन विभाग ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि टेंडर पूरी पारदर्शिता से हुआ और जमीन व संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास ही है। भाजपा प्रवक्ताओं ने कांग्रेस के आरोपों को झूठा और तथ्यहीन बताया। फिलहाल यह मामला प्रदेश की राजनीति का अहम मुद्दा बन गया है, जिस पर सड़कों से लेकर विधान सभा तक विरोध-प्रदर्शन और घमासान तेज है।