तिरुवनंतपुरम: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने केरल में कोविड-19 महामारी के दौरान पीपीई किट और अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीद में बड़ी वित्तीय अनियमितता का खुलासा किया है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री पिनारई विजयन की सरकार ने मार्च और अप्रैल 2020 में निर्धारित दरों से 300% अधिक कीमत पर पीपीई किट खरीदी, जिससे ₹10.23 करोड़ का अतिरिक्त खर्च हुआ।
अनुचित लाभ का आरोप
कैग ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि सरकार ने पीपीई किट की प्रति इकाई दर ₹545 तय की थी, लेकिन सन फार्मा कंपनी सहित अन्य कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाते हुए किट अधिक कीमत पर खरीदी गईं।
विपक्ष का सरकार पर हमला
इस खुलासे के बाद कांग्रेस ने वामपंथी सरकार पर तीखा हमला बोला। वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा, “सरकार ने कम दरों पर खरीद के ऑर्डर रद्द करके अत्यधिक बढ़ी हुई कीमतों पर किट खरीदी। मुख्यमंत्री पिनारई विजयन को इस घोटाले की जानकारी थी। यह भ्रष्टाचार का स्पष्ट उदाहरण है।”
सरकार का बचाव
पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कैग की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा, “कैग ने किस आधार पर यह दावा किया है कि किट कम दरों पर उपलब्ध थीं? महामारी के दौरान आपातकालीन स्थितियों में खरीदारी करना आवश्यक था।”
यह मुद्दा राजनीतिक विवाद का कारण बनता जा रहा है। विपक्ष ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है, जबकि सरकार इसे परिस्थितियों का परिणाम बता रही है।