हरिद्वार। नगर निकाय चुनाव में मतदाता सूची की खामियां एक बार फिर सामने आईं। चुनाव आयोग की तमाम पहल और जागरूकता अभियान के बावजूद मतदाता सूची में गड़बड़ियों का समाधान नहीं हो सका। कई मतदाता अपने नाम सूची में न पाकर मतदान से वंचित रह गए, जिससे बूथों पर नाराजगी और विरोध प्रदर्शन देखने को मिला।
हजारों नाम गायब, मतदाता हुए नाराज
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, हरिद्वार नगर निकाय के 60 वार्डों में 2018 में 1,82,266 मतदाता थे। इस बार आबादी बढ़ने के बाद 1,93,389 मतदाताओं की सूची जारी की गई। लेकिन पिछले चुनाव में मतदान कर चुके हजारों लोगों के नाम इस बार सूची से गायब मिले।
कई मतदाता, जो राज्य गठन से पहले से हरिद्वार में निवास कर रहे हैं और हाल के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी वोट कर चुके थे, अपने नाम सूची से गायब देखकर आक्रोशित हो गए। कनखल स्थित डॉ. हरेराम इंटर कॉलेज के मतदान केंद्र पर लगभग 100 मतदाताओं ने अपनी नाराजगी जताई। वार्ड संख्या 14 ऋषिकुल में भी 700-800 मतदाताओं के नाम सूची से गायब होने के आरोप लगे।
बीएलओ की लापरवाही का आरोप
मतदाता सूची में संशोधन की जिम्मेदारी बूथ लेवल ऑफिसरों (बीएलओ) को दी गई थी। लेकिन उनकी लापरवाही से आयोग का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका। लोगों ने आरोप लगाया कि सूची से नाम गायब होना सत्ता पक्ष की साजिश का नतीजा है। कई बूथों पर मतदाताओं ने नारेबाजी की और प्रशासन से जवाबदेही मांगी।
स्वामी रामदेव के मतदान को लेकर अफवाह
पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण वार्ड संख्या 26 संदेश नगर के मतदाता हैं। मतदान केंद्र महिला विद्यालय सतीकुंड में उनका नाम सूचीबद्ध था। लेकिन सुबह जब केवल आचार्य बालकृष्ण मतदान करने पहुंचे, तो अफवाह फैली कि स्वामी रामदेव का नाम सूची में नहीं है। बाद में आचार्य बालकृष्ण ने स्पष्ट किया कि स्वामी रामदेव किसी अनुष्ठान में व्यस्त हैं। मतदाता सूची में क्रमांक संख्या 1087 पर स्वामी रामदेव और 1088 पर आचार्य बालकृष्ण का नाम दर्ज है।
मतदाता जागरूकता की जरूरत
चुनाव के दौरान मतदाता सूची की खामियों ने आयोग की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मतदाताओं ने मांग की है कि आगामी चुनावों में सूची का पुनरीक्षण गंभीरता से किया जाए ताकि कोई मतदाता अपने अधिकार से वंचित न रह जाए।