प्रयागराज। त्रिवेणी संगम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर श्री सुखदेव जी के मुखारविंद से वराह, कपिल मुनि और नरसिंह अवतार की महिमा का रसपान कराया गया। कथा में बताया गया कि श्रीमद् भागवत के अनुसार, ईश्वर के विभिन्न अवतारों का उद्देश्य धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करना है।
यह दिव्य आयोजन बड़ा मठ डलमऊ के महामंडलेश्वर 1008 स्वामी देवेन्द्रानंद गिरि जी महाराज की गरिमामयी अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कथा के मुख्य यजमान मनोज द्विवेदी ‘दादा श्री’ एवं उनकी धर्मपत्नी सुधा द्विवेदी सकुटुंब उपस्थित रहे और ईश्वर की अनुकंपा से कथा श्रवण का सौभाग्य प्राप्त किया।
कथा में महामंडलेश्वर श्री देवानंद गिरि, व्यासपीठ से श्री मधुर जी महाराज, महंत कृष्णानंद भारती, धर्मानंद महाराज, आचार्य सुशील शास्त्री, शिवम