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बैंकों में ₹1.84 लाख करोड़ की अनक्लेम्ड संपत्ति, सीतारमण ने बताई वापसी की राह

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर 2025 — वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि भारतीय बैंकों एवं नियामक संस्थाओं के पास लगभग ₹1.84 लाख करोड़ की वित्तीय संपत्तियाँ बिना किसी दावे के पड़ी हुई हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे “तीन ए” — जागरूकता, पहुंच और कार्यवाही — की रणनीति अपनाकर सुनिश्चित करें कि ये राशि सही हकदारों तक पहुंचे।

 

 

 

“आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान

 

सीतारमण ने गुजरात के गांधीनगर से तीन महीनों के ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई एवं बैंकों तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

वे कहती हैं कि अधिकारी तीन ए (Awareness, Accessibility, Action) पर विशेष जोर दें:

 

जागरूकता — लोगों को बताना कि उनकी राशि अनक्लेम्ड पड़ी है, उन्हें दस्तावेज जुटाने और दावा करने के लिए प्रेरित करना

 

पहुंच — लोगों को UDGAM पोर्टल या बैंक द्वारा बनाए गए स्टॉल के माध्यम से सुविधा देना, ताकि वे आसानी से दावा कर सकें

 

कार्यवाही — अधिकारियों को सक्रिय कदम उठाने का निर्देश देना ताकि प्राप्त शिकायतों और दावों पर समयबद्ध कार्रवाई हो

 

 

 

 

UDGAM पोर्टल: दावा करने का डिजिटल माध्यम

 

फाइनेंस मंत्रालय ने बताया है कि UDGAM पोर्टल के माध्यम से नागरिक यह जान सकते हैं कि उनकी अनक्लेम्ड जमा राशि कहाँ पड़ी है। यह पहल दावा-प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगी।

 

यदि कोई दावा समय रहते नहीं किया गया, तो वह राशि अलग-अलग संस्थाओं के बीच ट्रांसफर की जा सकती है — जैसे बैंक से RBI या IEPF (Investor Education and Protection Fund) को।

 

 

 

लाभार्थियों की खोज

 

सीतारमण ने गुजरात ग्रामीण बैंक की उदाहरण के रूप में सराहना की — उसने वादा किया है कि वे राज्य के हर गांव तक जाएँगे और बैंक में पड़ी अनक्लेम्ड जमा राशि के वास्तविक मालिकों की पहचान करेंगे।

 

वह यह भी कहती हैं कि अधिकारियों को छोटे-छोटे कागजी दस्तावेजों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए — क्योंकि कई दावेदार दस्तावेजों के अभाव में हकदान दावों से वंचित हो जाते हैं।

 

 

 

महत्व और असर

 

यह कदम वित्तीय समावेशन और नागरिक अधिकार की दिशा में अहम माना जा रहा है।

 

कई आम लोग — खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में — अनक्लेम्ड राशि होने के बावजूद इसकी जानकारी नहीं रखते। ऐसे में इस पहल से बहुतों को राहत मिलेगी।

 

इस व्यवस्था को सफल बनाने के लिए जमीनी स्तर पर जागरूकता शिविर, मीडिया प्रचार और बैंक स्टॉल की भूमिका अहम होगी।

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