उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की रविवार को आयोजित भर्ती परीक्षा में कथित प्रश्नपत्र लीक मामले ने एक बार फिर राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। इस मामले में भाजपा हरिद्वार जिलाध्यक्ष मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र चौहान के स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या है मामला?
आरोप है कि जिस कक्षा से प्रश्नपत्र का फोटो खींचकर बाहर भेजा गया, वह चौहान के ही स्कूल में थी।
भाजपा संगठन ने कहा है कि उस कक्षा में स्कूल स्टाफ की तैनाती नहीं थी, और इसलिए इसका केंद्र संचालन से उनका कोई संबंध नहीं।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा कि परीक्षा केंद्र का संचालन आयोग को सौंपा गया था, न कि स्कूल स्तर पर।
जिला संगठन ने मामले की रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को भेज दी है।
पृष्ठभूमि
पिछले कुछ वर्षों में यूकेएसएसएससी की परीक्षाओं में पेपर लीक और अनियमितता के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं। दो साल पहले पटवारी, जेई और एई भर्ती परीक्षाओं में इसी तरह की गड़बड़ी के आरोप लगे थे, जिसमें भाजपा नेता संजय धारीवाल गिरफ्तार भी हुए थे।
प्रतिक्रिया और मांगें
विपक्षी दलों एवं छात्र संगठनों ने इस घटना को भ्रष्टाचार और पक्षपात का उदाहरण बताया है।
वे इस परीक्षा को रद्द करने, दोषियों की सख्त कार्रवाई करने और सेंट्रल जांच एजेंसी (CBI / SIT) तक जांच ले जाने की मांग कर रहे हैं।
सरकार और आयोग ने अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं दिया है, लेकिन मामले की जांच जारी है।
निष्कर्ष
इस विवाद ने भर्ती परीक्षा की निष्पक्षता और परीक्षा प्रणालियों की विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच, सबसे बड़ी मांग यह है कि दोषी चाहे जो भी हो, कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में परीक्षा प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की गुंजाइश शून्य हो।