हरिद्वार, 22 सितम्बर — नवरात्र पर्व के अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा ने युवाओं और समाज से सनातन संस्कृति, धर्म और राष्ट्रभक्ति को सशक्त बनाने का आह्वान किया। माया देवी मंदिर प्रांगण से शुरू किए गए जागरूकता अभियान के दौरान अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि धार्मिक आयोजनों में देवी-देवताओं का स्वरूप धारण कर सार्वजनिक नृत्य-गान करना सनातन परंपराओं के विपरीत है और इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।
उन्होंने आयोजकों से अपील की कि झांकियों को सुसंस्कृत, स्वच्छ और दिव्य स्वरूप प्रदान किया जाए, ताकि समाज में श्रद्धा और संस्कार अक्षुण्ण बने रहें। कौशिक ने कहा कि शोभायात्राओं और धार्मिक जुलूसों में भजन और राष्ट्रगीत गूंजें, जबकि पाश्चात्य धुनों और अनावश्यक शोर-शराबे वाले गीतों से परहेज किया जाए।
उन्होंने सुझाव दिया कि राम, कृष्ण, परशुराम जैसे महापुरुषों के संवादों और नाट्य मंचनों के माध्यम से धर्म और नीति का प्रचार किया जाए। युवाओं में देशप्रेम जगाने के लिए शहीदों की गाथाएं प्रस्तुत की जाएं तथा दहेज, जातिवाद और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए जाएं। नवरात्र पर दुर्गा के नौ स्वरूपों पर आधारित लघु नाटिकाएं भी मंचित की जा सकती हैं।
कार्यक्रम में पंडित पवन कृष्ण शास्त्री, कुलदीप शर्मा, कृष्ण चौहान, माया देवी मंदिर के पुजारी भास्कर पुरी महाराज सहित कई संत-महंत और श्रद्धालु उपस्थित रहे।