वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एक नया और कम चर्चा में रहने वाला मधुमेह के प्रकार — Type-5 डायबिटीज — को गंभीर चिंता का विषय बताया है। यह विशेष रूप उन युवाओं और दुबले-पतले वयस्कों को प्रभावित करता है, जिनका बचपन में गंभीर पोषण संबंधी कमी रही हो।
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क्या है Type-5 डायबिटीज?
यह बीमारी पारंपरिक Type-1 तथा Type-2 से अलग है।
इस प्रकार के मरीजों में पौष्टिकता की कमी (undernutrition) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है — जैसे कि बचपन में भोजन की कमी होने या लगातार पोषण न्यूनता का सामना करना।
मरीजों का वजन सामान्यता से कम होता है, और उनकी इंसुलिन स्राव क्षमता पर असर होता है क्योंकि अग्न्याशय पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है। लेकिन ये लोग इंसुलिन प्रतिरोधी (insulin-resistant) नहीं होते।
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किन लोगों में जोखिम ज़्यादा है?
श्रेणी जोखिम की स्थितियाँ
आयु व शारीरिक बनावट युवा, किशोर या दुबले-पतले जवानों में ज़्यादा देखा जा रहा है।
आर्थिक स्थिति निम्न और मध्यम आय वाले देश, जहाँ कुपोषण की समस्या हो, वहाँ अधिक सम्भावना है।
बचपन का पोषण गर्भावस्था या बचपन में पोषण पर्याप्त न होने से यह समस्या बाद में उभर सकती है।
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हाल की स्थिति और आंकड़े
अनुमान है कि दुनियाभर में लगभग 2.5 करोड़ लोग इस प्रकार (Type-5) के मधुमेह से प्रभावित हो सकते हैं।
उन्होंने WHO और अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं से इस बीमारी को एक मान्यता प्राप्त श्रेणी बनाने की मांग की है, क्योंकि अभी इसके निदान के लिए कोई स्पष्ट-गाइडलाइन मौजूद नहीं है।
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सलाह – रोग-नियंत्रण और बचाव
1. आहार सुधार: प्रोटीन, जटिल कार्बोहाइड्रेट, दाल-फली और अनाज अधिक मात्रा में शामिल करें।
2. स्वास्थ्य परीक्षण: यदि रक्त शर्करा बढ़ने के लक्षण हों (बड़ी चिन्ता, लगातार प्यास, थका-थका महसूस होना आदि), तो डॉक्टर से सलाह लें।
3. पोषण पर ध्यान: विशेषकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में पर्याप्त पोषण सुनिश्चित करना ज़रूरी, ताकि भविष्य में यह खतरा कम हो सके।
4. शोध और जागरूकता: विशेषज्ञों का कहना है कि Type-5 के लक्षण, निदान और उपचार पर और अधिक अध्ययन होने चाहिए।