नई दिल्ली, 15 सितम्बर। स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए यह बड़ी समस्या बन गई है कि स्टोरेज (भंडारण) संबंधी ज़रूरतों के लिए इंटरनल मेमोरी बेहतर है या SD कार्ड? अमर उजाला की टेक टीम ने यह तुलना पेश की है कि किस स्थिति में कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा।
—
इंटरनल मेमोरी — तेज, भरोसेमंद और सुरक्षित
फायदे:
प्रोसेसर से सीधा जुड़ा होने के कारण डेटा की रीड/राइट स्पीड ज़्यादा मिलती है — ऐप्स और गेम्स स्मूथ चलते हैं।
डाटा करप्शन की संभावनाएँ कम होती हैं, सुरक्षा अधिक होती है।
अधिकांश ऐप्स और गेम्स सिर्फ इंटरनल स्टोरेज में ही इंस्टॉल हो पाते हैं।
कमियां:
स्टोरेज बढ़ाने की गुंजाइश नहीं होती (यदि फोन में SD कार्ड सपोर्ट नहीं हो)।
जितनी इंटरनल मेमोरी अधिक होगी, फोन उतना ही महँगा होगा।
—
SD कार्ड — सस्ता और एक्सपेंडेबल विकल्प
फायदे:
सीमित इंटरनल स्टोरेज वाले फोन में मीडिया, वीडियो, फोटो आदि रखने के लिए बहुत उपयोगी।
जरूरत पड़ने पर अलग-अलग SD कार्ड लगाकर स्टोरेज बढ़ाना आसान और सस्ता।
फाइल ट्रांसफर दूसरे उपकरणों के साथ सहज।
कमियां:
सस्ते SD कार्ड्स की गुणवत्ता कम होती है — करप्शन, डेटा लॉस की आशंका अधिक।
फ्लैगशिप और प्रीमियम फोन में अक्सर SD कार्ड स्लॉट नहीं होता।
इंटरनल मेमोरी जितनी तेज़ नहीं — ऐप्स के लोड समय और overall परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है।
—
निष्कर्ष — किसे चुनें?
अगर आप गेम्स खेलना पसंद करते हैं, या हाई परफॉरमेंस ऐप्स चलाते हैं, तो इंटरनल मेमोरी अधिक उपयुक्त रहेगी।
अगर आपको ज़्यादा मीडिया फाइल्स (फोटो, वीडियो, म्यूजिक) सेव करनी हैं, और आपका बजट सीमित है, तो SD कार्ड अच्छी बचत वाला विकल्प है।
सर्वोत्तम होगा कि फोन खरीदते समय ऐसी डिवाइस चुनें जिसमें पर्याप्त इंटरनल मेमोरी हो (कम से कम 128-256 GB), और साथ में SD कार्ड सपोर्ट हो, ताकि भविष्य में स्टोरेज बढ़ाने की सुविधा बनी रहे।