6 अगस्त। उत्तराखंड के धराली व हर्षिल क्षेत्रों में मंगलवार दोपहर को अचानक आने वाली तेज बारिश या ग्लेशियल झील फटने से भीषण सैलाब उतर आया, जिसने मिट्टी, मलबा और पानी की लहरों ने गांव को तहस-नहस कर दिया। जरूरी मार्ग बंद हो गए, वहीं स्थानीय प्रशासन के कई अधिकारी खुद फंस गए, लेकिन तुरंत सेना, ITBP, NDRF और SDRF मोर्चा संभालने के लिए पहुंच गए ।
581-0सेना की Ibex ब्रिगेड के तहत तैनात करीब 225 जवान, इंजीनियरिंग टीमें, खोजी कुत्ते, ड्रोन और मशीनरी मैदान में उतारी गईं। उन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों में करीब 25 फीट ऊँचे मलबे से फंसे ग्रामीणों तक पहुंचने के लिए मार्ग बनाए और अस्थायी पुलिया भी स्थापित की ।
897-0मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली क्षेत्र का हेलीकेम से निरीक्षण किया और कहा कि अब तक लगभग 190 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है ।
1103-0दुर्भाग्यवश, इस आपदा में कम से कम 4–5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से 100 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें 11 भारतीय सेना के जवान भी शामिल हैं ।
1351-0भूस्खलन और भारी बारिश की वजह से मुख्य सड़कें और गंगोत्री हाईवे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे राहत‑बचाव प्रक्रिया को काफी बाधा मिली है। कई जगह मोबाइल और बिजली नेटवर्क भी बंद हो गए हैं, इसलिए बचाव दलों को सैटेलाइट फोन का सहारा लेना पड़ा ।
1648-0एक वीडियो में देखा गया कि सैलाब में एक कार जिसमें लोग सवार थे बह गई; धराली बाजार, कई दुकानें, होटल और गेस्ट‑हाउस पूरी तरह तबाह हो गए ।
1815-0राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राहत राशि जारी की है, जबकि केंद्र सरकार ने बचाव कार्यों के समर्थन में चिनूक व Mi‑17 हेलिकॉप्टर उपलब्ध कराए हैं ।
2017-0आपदा के बीच मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। राहत संकटकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ।
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संक्षिप्त बिंदु
घटना स्थल: धराली गांव, खीरगंगा नदी के समीप, उत्तरकाशी जिला
मृतक: 4–5
लापता: 50–100+ (जिसमें 11 सैनिक शामिल)
बचाव: सेना, NDRF, SDRF, ITBP—बचाव दल युद्ध स्तर पर कार्यरत
राहत राशि: ₹20 करोड़ (राज्य सरकार द्वारा जारी)
अधिकारियों के निर्देश: 24×7 अलर्ट; दूरसंचार बाधित होने पर सैटेलाइट फोन उपयोग
ऑपरेशन: अस्थायी पुल, ड्रोन, कुत्ते, हेलिकॉप्टर, खलबली भारी मलबा हटाने हेतु मशीनरी तक