हरिद्वार, 14 जुलाई। श्री अखंड परशुराम अखाड़े द्वारा पुलवामा आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त लोगों की स्मृति में जिला कारागार रोशनाबाद में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने श्रद्धालुओं को शिव-सती चरित्र का भावपूर्ण श्रवण कराया।
स्वामी रामेश्वरानंद ने कथा में बताया कि किस प्रकार दक्ष प्रजापति द्वारा भगवान शिव के अपमान के चलते सती ने यज्ञ में जाकर आत्मबलिदान किया और शिव के आदेश पर वीरभद्र द्वारा यज्ञ का विध्वंस किया गया। अंततः भगवान शिव ने दक्ष को माफ कर उसके धड़ पर बकरे का सिर जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि भगवान शिव का तिरस्कार नहीं करना चाहिए, जो श्रद्धा से उनकी आराधना करता है, शिव उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर ने कहा कि समाज में धार्मिक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए ऐसे आयोजनों की नितांत आवश्यकता है। प्रत्येक सक्षम व्यक्ति को शिव कथा जैसे आयोजनों में भागीदारी करनी चाहिए।
इस अवसर पर जेल अधीक्षक मनोज आर्य, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, पवनकृष्ण शास्त्री, आचार्य विष्णु शर्मा, आचार्य संजय शर्मा, जलज कौशिक, रूपेश कौशिक, विष्णु गौड़, विवेक मिश्रा, भारत भूषण भारद्वाज, सुनील तिवारी, बृजमोहन शर्मा, कुलदीप शर्मा, मनोज ठाकुर, सुमित चावला, अमित कुमार, बलविंदर चौधरी, संजय शर्मा, नवनीत मोहन, मुकेश शर्मा, शंभू शर्मा, जतिन कुमार शर्मा सहित अनेक श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया।
कथा के माध्यम से कैदियों को न केवल आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हुआ, बल्कि उनके मनोबल में भी वृद्धि देखने को मिली। आयोजक मंडल ने बताया कि यह धार्मिक अनुष्ठान आगे भी निरंतर जारी रहेगा।