हरिद्वार, 18 जून 2025: तीर्थ सेवा न्यास ने हरिद्वार में विश्व सनातन महापीठ** की स्थापना की घोषणा की है। यह महापीठ सनातन धर्म की गौरवशाली पुनर्स्थापना, वेद-धर्म-संस्कृति के प्रचार और संत परंपरा के संरक्षण का केंद्र होगा। न्यास के संरक्षक **बाबा हठयोगी महाराज** ने बताया कि यह केवल तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि युग निर्माण की योजना है, जहां शास्त्र, शस्त्र, और रोजगारपरक प्रशिक्षण के साथ युवाओं को सनातन मूल्यों से जोड़ा जाएगा।
न्यास के अध्यक्ष **रामविशाल दास महाराज** ने कहा कि महापीठ में **शास्त्र और शस्त्र** एक साथ प्रतिष्ठित होंगे। यह यज्ञ, तप, सेवा, और सदाचार के माध्यम से राष्ट्र व समाज निर्माण का केंद्र बनेगा। महापीठ के निर्माण का प्रथम चरण **300 करोड़** रुपये और पूर्ण निर्माण **500 करोड़** रुपये की लागत से होगा। **21 नवंबर 2025** को भूमि पूजन, **21 नवंबर 2026** को गौ संरक्षण व यज्ञशाला का उद्घाटन, और **22 फरवरी 2029** को महापीठ का भव्य उद्घाटन होगा।
**महापीठ की प्रमुख विशेषताएं:**
– **108 यज्ञशालाएं**, वैदिक गुरुकुल, और देशी गौ संरक्षण व शोध केंद्र।
– **संस्कृत, वेद, आयुर्वेद, ज्योतिष** आदि की प्राचीन शिक्षा।
– **108 संत कुटिया**, **1008 भक्त निवास**, और संतों के लिए स्थायी निवास।
– **धर्मादेश मंच** और **वातानुकूलित सनातन संसद** का वार्षिक आयोजन।
– **संस्कार व शौर्य प्रशिक्षण केंद्र**, जहां प्रतिवर्ष **1 लाख युवाओं** को धर्म व राष्ट्र रक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
– **शस्त्र विद्या, आत्मरक्षा**, और सैन्य अनुशासन के लिए अभ्यास केंद्र।
– **स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र** में शिल्प, कृषि, आयुर्वेद, और डिजिटल सेवाओं का प्रशिक्षण।
– **सनातन संग्रहालय** और **धर्म साहित्य भंडार** के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण।
**महंत ओमदास महाराज** ने कहा कि योजनाबद्ध निर्माण से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और समयबद्ध कार्य पूर्ण होंगे। यह महापीठ भारत को धर्म, दर्शन, विज्ञान, और नेतृत्व में पुनः विश्व गुरु बनाने की दिशा में सैकड़ों वर्षों की योजना है।