मुंबई, 25 मार्च 2025: पुलिस की वर्दी का अपमान करने और जुए को प्रोत्साहित करने वाले विवादित ‘बिग कैश पोकर’ विज्ञापन को लेकर हिंदू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान की लगातार कोशिशों के बाद बड़ी सफलता मिली है। अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को पुलिस वर्दी में दिखाने वाला यह भ्रामक विज्ञापन सोशल मीडिया से हटा लिया गया है। साथ ही, महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने मुंबई पुलिस आयुक्त को मामले की जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सुराज्य अभियान के श्री सतीश सोनार और श्री रवी नलावडे ने गृह राज्य मंत्री से मुलाकात कर इस विज्ञापन को पुलिस की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला बताया था। अभियान का कहना है कि यह विज्ञापन न केवल पुलिस की छवि को धूमिल करता है, बल्कि जनता को जुए के लिए उकसाता है और भगवद्गीता का भी अपमान करता है। विज्ञापन में ‘बड़े काम का खेल’ कहकर जुए को अपराध सुलझाने का कौशल बताया गया, जो आपत्तिजनक है।
हालांकि विज्ञापन हटाया जा चुका है, लेकिन सुराज्य अभियान ने सवाल उठाया कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी और ‘बिग कैश’ के मालिक अंकुर सिंह पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। अभियान ने फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर (X) पर बार-बार शिकायतें कीं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अंततः शिकायत अपील समिति (GAC) में मामला उठाने और सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अमिता सचदेवा के कानूनी हस्तक्षेप के बाद विज्ञापन हटाया गया।
सुराज्य अभियान ने सरकार से मांग की है कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी और ‘बिग कैश पोकर’ कंपनी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, भविष्य में पुलिस विभाग की छवि के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त नीति बनाई जाए। यह मामला समाज में भ्रामक प्रचार और पुलिस की गरिमा से खिलवाड़ का गंभीर उदाहरण बन गया है।